Telangana Assembly Election: सीएम केसीआर के सामने 100 से ज्यादा लोगों ने भरा पर्चा, जानें वजह
गजवेल में केसीआर के सामने 154 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है और कामरेड्डी में भी 100 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं. दोनों ही सीटों पर उम्मीदवारों में ज्यादातर किसान और युवा शामिल हैं.
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को वोटिंग होनी है और नामांकन भरने की प्रक्रिया 9 नवंबर को पूरी हो चुकी है. मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर इस बार दो जगह से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. गजवेल और कामरेड्डी से इस बार वह मैदान में उतरेंगे. दोनों ही सीटों पर उनके खिलाफ 100 से ज्यादा उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केसीआर से मुकाबले के लिए नामांकन करने वालों में किसान से लेकर युवा उम्मीदवार तक शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. केसीआर गजवेल से तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस सीट पर उनकी पकड़ मजबूत है. ऐसे में 100 उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ लड़ने का फैसला क्यों किया है आइए जानते हैं-
गजवेल में केसीआर के खिलाफ 154 उम्मीदवार मैदान में
गजवेल विधानसभा सीट पर केसीआर के सामने 154 उम्मीदवार हैं. इनमें मुथियांपत के किसान हैं, जो शुगर फैक्ट्री शुरू करने की मांग कर रहे हैं और राज्य के बेरोजगारों की तरफ से युवा उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. राज्य में बेरोजगारी, एग्जाम में देरी और पेपर लीक की वजह से सिविल सर्विस परीक्षा कराने में सरकार की असफलता का मुद्दा लंबे समय से विवाद का हिस्सा रहा है. इस मुद्दे के जरिए उम्मीवार केसीआर को चुनौती देने के लिए मैदान में उतरे हैं. कई लोगों की यह भी मांग हैं कि तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के लिए चलाए गए आंदोलन में जान गंवाने वालों के परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाए.
कामरेड्डी में भी 100 से ज्यादा दावेदार
कामरेड्डी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां नामांकन दर्ज करने वाले ज्यादातर उम्मीदवार केसीआर सरकार की नीतियों से नाराज हैं. केसीआर पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. यहां नामांकन दर्ज करने वाले 102 उम्मीदवारों में से ज्यादातर कामरेड्डी जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) के सदस्य हैं. ये कमरेड्डी नगरपालिका के उस मास्टर प्लान के खिलाफ हैं, जिसमें कई किसानों को अपनी जमीन गंवानी पड़ी है. हालांकि, यह ड्राफ्ट प्लान नगरपालिका और म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन एवं अर्बन डेवलपमेंट विभाग रिजेक्ट कर चुका है.
जेएसी में कम से कम सौ किसानों ने पिछले महीने कहा था कि वे भविष्य की किसी भी विकास योजना के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की भूमि को इस तरह का नुकसान हो सकता है.
गजवेल से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे केसीआर
केसीआर लगातार तीसरी बार गजवेल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पिछली बार 2018 के चुनाव में केसीआर की लहर चली थी और उन्हें 1.25 लाख यानी 60.45 फीसदी वोट मिले थे और 58,000 वोटों के मार्जिन से उन्होंने चुनाव जीता था. इससे पहले 2014 में उन्होंने 19,391 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. इस बार गजवेल सीट पर केसीआर का मुकाबला पूर्व बीआरएस नेता और हुजूराबाद से बीजेपी विधायक इतेला राजेंद्र और कांग्रेस उम्मीदवार थूमकुंता नरसा रेड्डी से है.
कामरेड्डी में केसीआर का किसके साथ होगा मुकाबला
कामरेड्डी में केसीआर के सामने तेलंगाना कांग्रेस केमटी के रेवनाथ रेड्डी, बीजेपी के के वेंकटा रमन रेड्डी मैदान में हैं. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद शब्बीर अली ने बीआरएस को कड़ी टक्कर दी थी. इस वक्त बीआरएस के गंपा गोवर्धन यहां से विधायक है. केसीआर ने इस बार गंपा गोवर्धन को टिकट देने के बजाय खुद यहां से लड़ने का फैसला किया है. उधर, कांग्रेस ने पिछली बार बीआरएस को कड़ी टक्कर दी थी इसलिए इस बार पार्टी राज्य में अपने कद्दावर नेता रेवनाथ रेड्डी को मैदान में उतारकर जीतने की फिराक में है.
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