Telangana Election Result 2023: ABVP के छात्र नेता, फिर TDP के विधायक और अब कांग्रेस के टिकट पर बनेंगे तेलंगाना के सीएम, जानें कौन हैं रेवंत रेड्डी
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अनुमुल रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस के टिकट पर मल्काजगिरी से जीत हासिल की थी. इससे पहले 2018 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए.
तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष अनुमुल रेवंत रेड्डी 7 दिसंबर को तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार (5 दिसंबर) को इसका ऐलान किया है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी विधायकों के प्रस्ताव पर रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. 119 में से 64 सीटें जीतकर कांग्रेस तेलंगाना की सत्ता में काबिज होने जा रही है. कांग्रेस की इस जीत का श्रेय रेवंत रेड्डी को दिया जा रहा है इसलिए मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम की चर्चा सबसे ज्यादा थी.
रेवंत रेड्डी इस बार कोडंगल और कामरेड्डी दो सीटों से चुनावी मैदान में उतरे थे. कामरेड्डी से ही के चंद्रशेखर राव भी मैदान में थे. हालांकि, यहां दोनों नेताओं को मात देकर भारतीय जनता पार्टी के नेता कटिपल्ली वेंकट रमन रेड्डी जीते हैं. रेवंत रेड्डी को कोडंगल से जीत मिली है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मल्काजगिरी सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की. रेवंत रेड्डी 7 दिसंबर को रेवंत रेड्डी का वह सपना पूरा होने जा रहा है, जिसके लिए वह सालों से मेहनत कर रहे हैं. आइए आज रेवंत रेड्डी के बारे में वो बातें जान लेते हैं, जिनसे आप अंजान हैं-
रेवंत रेड्डी का पॉलिटिकल करियर
रेवंत रेड्डा का जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में हुआ था. कॉलेज के समय से ही वह राजनीति में सक्रिय थे. 2001-2002 में राज्य की राजनीति में उन्होंने के चंद्रशेखर राव (KCR) की तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) से शुरुआत की. 2006 में वह चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए और टीडीपी के टिकट पर कोडंगल से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने. 2014 में वह तेलंगाना विधानसभा के लिए टीडीपी के सदन के नेता चुने गए. 2017 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2018 का चुनाव लड़ा, जिसमें वह हार गए. हालांकि, 2019 के आम चुनाव में वह मल्काजगिरी से कांग्रेस के टिकट पर उतरे और जीत गए. कांग्रेस ने साल 2021 में उन्हें तेलंगाना का पार्टी अध्यक्ष बना दिया.
केसीआर को गद्दी से उतारने की खाई थी कसम
साल 2015 में एमएलसी चुनाव में रेवंत रेड्डी तब सुर्खियों में आ गए जब उन्हें करेंसी नोटों का इस्तेमाल करने के मामले में गिरफ्तार किया गया. तब उन्होंने कसम खाई कि वह केसीआर को गद्दी से उखाड़ फेकेंगे. उस वक्त केसीआर तेलंगाना के मुख्यमंत्री थे.
संघ और एबीवीपी से क्या है रिश्ता
अनुमुल रेवंत रेड्डी कॉलेज टाइम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्या परिषद (ABVP) से जुड़े थे. रेवंत रेड्डी का ताल्लुक गैर-राजनीतिक परिवार से है. वह एक किसान परिवार से हैं. कॉलेज में छात्र नेता के तौर पर उन्होंने एबीवीपी से शुरुआत की थी.