CM Selection In States: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित हुए एक हफ्ते का समय हो चुका है. इनमें से दो राज्यों तेलंगाना और मिजोरम में नई सरकारों का गठन हो चुका है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं कर पाई है.


तीनों ही राज्यों के लिए पार्टी ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. इस बीच पूरे देश में यह चर्चा चल रही है कि राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कौन होगा. राजस्थान में पहले वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं. इसी तरह से मध्य प्रदेश में बीजेपी की ओर से शिवराज सिंह चौहान निवर्तमान मुख्यमंत्री रहे हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह बीजेपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इन तीनों को अपने अपने राज्यों में मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या पार्टी किसी नए चेहरे को कमान सौंपेगी इस पर खूब चर्चा हो रही है.


चलिए आज हम आपको बताते हैं कि जब जब पार्टी ने सीएम के चुनाव में देरी की है, तब-तब चेहरे को कमान सौंपकर सबको हैरान कर दिया गया है. तो क्या इस बार भी हो रही देरी का यही मतलब है?


राज्यों में नए चेहरे को मिल सकती है कमान


अतीत के इतिहास बताते हैं कि बीजेपी ने जब भी राज्यों में मुख्यमंत्री चुनने में अधिक समय लिया तो वहां पुराने नेताओं के बजाय नए लोगों को जिम्मेदारी दी गई है. तीन में से दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस को हराकर सत्ता पर कब्जा किया है. राजस्थान में बीजेपी वसुंधरा राजे सिंधिया को अगर मुख्यमंत्री बनाना चाहती तो फैसला काफी पहले ही हो गया होता. जिस तरह से देरी हो रही है उससे साफ है कि किसी नए चेहरों को कमान दी जा सकती है. छत्तीसगढ़ में मंथन चल रही है और मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपनी सत्ता बरकरार रखी है. शिवराज सिंह चौहान सीएम पद पर बने हुए हैं.


2013 और 2017 के  विधानसभा चुनाव देते हैं खास संकेत


वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो उस समय ने चुनाव परिणाम घोषित होने के महज 3 दिनों में ही छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री के नामों का ऐलान कर दिया था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी को इन राज्यों में किसी नए नेता को मुख्यमंत्री नहीं बनाना था. सामने 2014 का ऐतिहासिक चुनाव था और जिनका जनाधार बड़ा था उनके भरोसे चुनाव में उतरना था. चेहरे को सीएम नहीं बनाना था. एमपी में शिवराज, राजस्थान में वसुंधरा और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह का मुख्यमंत्री बनाया गया .


उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चुनाव में काफी देरी हुई. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मुख्यमंत्री चुनने में देरी हुई थी. नतीजन तीनों ही राज्यों में नए चेहरे मुख्यमंत्री बने थे.  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ को चुनाव अंतिम चरण में पूरे देश को हैरान करने वाला था.


2017 में CM पद की रेस में थे कई चेहरे


जैसे इस बार के विधानसभा चुनाव के बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई नेता मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. ठीक उसी तरह से 2017 के चुनाव में हिमाचल, उत्तराखंड और यूपी में सीएम पद की रेस में प्रेम कुमार धूमल, अनुराग सिंह ठाकुर, भगत सिंह कोश्यारी, रमेश पोखरियाल निशंक, राजनाथ सिंह, मनोज सिन्हा जैसे कई पुराने और नामी चेहरे शामिल थे. तब बीजेपी ने उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत, हिमाचल में जयराम ठाकुर और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को सौंपकर अपने चौंका दिया था.


राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में ये नेता हैं मुख्यमंत्री पद की रेस में


आपको बता दें कि 2017 की तरह इस बार भी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं. मध्य प्रदेश में निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. राजस्थान में वसुंधरा के अलावा दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी मीणा जैसे नेताओं के नाम की चर्चा है. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के अलावा अरुण साव, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी को मुख्यमंत्री बनाने की अटकलें तेज हैं. इन राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है.;सोमवार तक फैसला होने की उम्मीद है.


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