Tripura Meghalaya Nagaland Election Result 2023: त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार (2 मार्च) को कुछ ही देर में आना शुरु हो जाएंगे. भले ही हिंदी बेल्ट के प्रदेशों के चुनाव परिणामों की तरह इन राज्यों के रिजल्ट को लेकर पूरे देश भर में चर्चा न हो रही हो, लेकिन इन तीनों राज्यों के नतीजे देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर काफी हद तक एक तस्वीर साफ कर देंगे.


यह चुनाव कई दलों के लिए अस्तित्व की भी लड़ाई है. बात चाहे बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस या फिर स्थानीय पार्टियां ही क्यों न हो. हर किसी के लिए इस चुनाव परिणाम के अलग-अलग और महत्वपूर्ण मायने हैं. इन चार दलों में से जो भी जीतेगा वह देश में एक नया संदेश देगा. आइए विस्तार से जानते हैं, क्यों हर एक दल के लिए खास है यह चुनाव परिणाम.


भारतीय जनता पार्टी के लिए ये है महत्व


भारतीय जनता पार्टी के लिए इन चुनाव नतीजों के बेहद खास मायने हैं. पार्टी एक तरफ जहां धीरे-धीरे पूर्वोत्तर के राज्यों में कांग्रेस की जगह ले चुकी है और इन जगहों पर अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है, तो वहीं दूसरी ओर पार्टी अभी से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई है. ऐसे में इन राज्यों के नतीजों से पार्टी के लिए आगे की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी. बात अगर इन तीन राज्यों की करें तो बीजेपी त्रिपुरा और नगालैंड में लोकल पार्टी के साथ गठबंधन करके सत्ता में काबिज है. बीजेपी त्रिपुरा में आईपीएफटी के साथ गठबंधन सरकार चला रही थी. इस बार भी कई एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत बचाने की रिपोर्ट है. कुछ ऐसी ही स्थिति नगालैंड की भी है. यहां भी बीजेपी सत्ता में है और एक बार फिर वापसी की संभावना बन रही है. अगर पार्टी दोनों जगह सत्ता बचा पाती है तो इसका मतलब है कि पूर्वोत्तर में पार्टी मजबूत हो रही है. वहीं मेघालय में बीजेपी ने इस बार चुनाव अकेले लड़ा है. हालांकि चुनाव से पहले वह संगमा की पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार चला रही थी. अधिकतर एग्जिट पोल में यहां त्रिशंकु विधानसभा का दावा किया गया है. ऐसे में बीजेपी के लिए यह राज्य भी महत्वपूर्ण होगा.


कांग्रेस के लिए क्या हैं मयाने


अब बात अगर कांग्रेस की करें तो कांग्रेस के लिए भी इन तीनों राज्यों के नतीजे बहुत कुछ तय करेंगे. दरअसल, इन राज्यों में हमेशा कोई न कोई क्षेत्रिय पार्टियां अच्छा करती रहीं हैं, लेकिन इनके साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी. पर धीरे-धीरे इन राज्यों में कांग्रेस की जगह बीजेपी ने ले ली है. अब कांग्रेस फिर से इन राज्यों में अपना पुराना जनाधार पाना चाहेगी. इसके अलावा पार्टी ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई में पहली बार चुनाव लड़ा है. हिमाचल प्रदेश के नतीजों ने पार्टी में नई ऊर्जा का संचार किया है. पार्टी अगर इन राज्यों में अच्छा करती है तो उसे 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी काफी मजबूती मिलेगी.


ममता बनर्जी का कद भी होगा तय


इन राज्यों के नतीजे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के लिए भी खास होंगे. अगर टीएमसी इन राज्यों में अच्छा करती है तो वह पूर्वोत्तर के राज्यों में एक नई ताकत बनकर उभरेंगी. इससे 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी नई तस्वीर बनती दिख सकती है. पार्टी ने पिछले साल हुए गोवा विधानसभा चुनाव में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. इसके अलावा मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में भी पार्टी के कुछ विधायक हैं और यहां टीएमसी को ठीकठाक वोट मिलता रहा है. पार्टी इन राज्यों में खुद को फैलाने में लगातार जुटी हुई है. ऐसे में अगर यहां ममता बनर्जी जीतती हैं तो अगले साल के लोकसभा चुनाव के लिए वह बीजेपी के खिलाफ बनने वाले मोर्चे में सबसे बड़े चेहरे का दावा भी कर सकती हैं.


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