नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए पांच चरणों में करीब 78 प्रतिशत सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. बाकी सीटों पर अगले दो चरणों में वोट डाले जाएंगे. इस बीच थर्ड फ्रंड की कवायद शुरू हो गई है और इसके अगुवा तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) हैं. राव ने बीजेपी विरोधी दलों के नेताओं से मुलाकात शुरू कर दी. इस मुलाकात में केसीआर गैर बीजेपी-गैर कांग्रेस गठबंधन बनाने पर चर्चा कर रहे हैं. राव को उम्मीद है कि इस चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा.
केसीआर ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से मुलाकात की. यह मुलाकात करीब दो घंटे तक चली. दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद बयान नहीं दिया. विजयन केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के प्रमुख हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ यहां विपक्ष में है.
केसीआर 13 मई को तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन से मुलाकात करेंगे. तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. केसीआर के संपर्क में जेडीएस भी है. पिछले दिनों तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि जेडीएस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी केसीआर से संपर्क किया है. यहां ध्यान रहे कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार है और दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ रही है.
'19 के खिलाड़ी': गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी नेतृत्व की वकालत करने वाले केसीआर 'किंगमेकर' बनेंगे?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल को मतदान शुरू होने के बाद पहली बार राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. पहली बार नहीं है जब केसीआर ने विपक्ष के नेताओं से संपर्क साथ है.
चुनावी सुगबुगाहट शुरू होने से पहले भी केसीआर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक से मुलाकात की थी. सभी मुलाकात में गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी गठबंधन पर चर्चा हुई. जो पूरी तरह विफल दिख रही है.
कांग्रेस के कई नेताओं का दावा है कि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा और कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनेगी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के शीर्ष नेताओं को पूर्ण बहुमत की उम्मीद है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि आगामी सरकार में उनकी बड़ी भूमिका होगी.
मायावती और ममता बनर्जी भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखती हैं. ममता भी चुनाव से ठीक पहले सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर ला चुकी हैं. लेकिन वह चुनाव में साथ लाने में विफल रही.
चुनाव में सीटों और उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर किये गई कई आंकलन में यह उम्मीद की जा रही है कि विपक्षी दलों में किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा. वहीं बीजेपी पूर्ण बहुमत को लेकर आश्वस्त है. अब देखना दिलचस्प होगा कि 23 मई को क्या परिणाम आएंगे.