नई दिल्ली: 2018 के उप चुनाव में गोरखपुर में बीजेपी का किला ढाहने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद लोकसभा चुनाव के बीच महागठबंधन को जोरदार झटका देते हुए बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कुछ दिन पहले ही निषाद पार्टी ने सपा-बसपा गठबंधन से नाता तोड़ लिया था. उसके बाद से ही प्रवीण निषाद के भाजपा में शामिल होने के संकेत मिल रहे थे. पिछले उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ल को साढे बाइस हजार वोटों से हराकर प्रवीण निषाद ने बड़ा उलटफेर किया था.


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निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने कुछ दिन पहले लखनऊ में गठबंधन से नाता तोड़ने की औपचारिक घोषणा की थी. गठबंधन छोड़ने पर संजय निषाद ने एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती पर उपेक्षा का आरोप लगाया था. संजय निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव ने वादा किया था कि निषाद पार्टी को दिए जाने वाले सीट का एलान जल्द होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इसी कारण निषाद पार्टी ने एसपी-बीएसपी गठबंधन से अलग होने का निर्णय किया.


इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ जाकर मुलाकात भी की थी. मुलाकात के बाद से ही निषाद पार्टी के भाजपा के साथ आने के कयास लगाए जा रहे थे.


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कुछ दिन पहले ही निषाद पार्टी के बड़े आंदोलन के दौरान गोरखनाथ मंदिर कूच कर रहे  प्रवीण निषाद और निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया था. उस समय निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद और सांसद प्रवीण निषाद ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे.


सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोरखपुर महाराजगंज की सीट को जहां अंत तक चुप्पी साध कर अपने पाले में करना चाहते थे. वहीं निषाद पार्टी ने गठबंधन से नाता तोड़कर उन्हें बड़ा झटका दे दिया है. निषाद पार्टी के मास्टर स्ट्रोक से सपा चारों खाने चित नजर आ रही है.