UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, जुबानी जंग भी तेज हो गई है. नेता गर्मी शांत कर देंगे और चर्बी उतार देंगे जैसे बयान दे रहे हैं. दरअसल, हापुड़ में 30 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा, ''ये गर्मी जो अभी कैराना और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न, ये सब शांत हो जाएगी 10 मार्च के बाद. गर्मी कैसे शांत होगी? ये तो मैं मई और जून में भी शिमला बना देता हूं.'' सीएम ने आज भी इसी तरह के बयान दिए.


उन्होंने सपा-आरएलडी गठबंधन को लेकर कहा, "एक बार फिर ये लोग अपने नए कवर से आपके सामने आ रहे हैं. माल तो वही पुराना सड़ा गला है, लेकिन लिफाफा नया है. जिसने दंगा दिया, जिसने माफिया दिए और आज भी वे कहते हैं कि सरकार में आने दीजिए. हमने कहा कि कयामत के दिन तक भी तुम्हारा सपना पूरा नहीं होगा. 10 मार्च के बाद पूरी गर्मी शांत करवा देंगे." 


इन बयानों के जवाब में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने एक सभा में कहा, "योगी बाबा जो कह रहे हैं कि इनकी गर्मी निकाल दूंगा और मई-जून में शिमला जैसी ठंड हो जाएगी. मुझे लग रहा है कि पिछले हफ्ते जो शीतलहर आई थी, इनका माथा बहुत बड़ा है, इनको ठंड लग गई. ऐसा भर भर के वोट दो. ईवीएम की मशीन को ऐसा भर के दो (वोट). बटन को ऐसा दबाओ की भारतीय जनता पार्टी को जो चर्बी चढ़ रही है, सारे नेताओं की चर्बी उतार दो आप."


आखिर ऐसे बयानों के चुनावी मायने क्या हैं? इसे समझने के लिए एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर (ABP C Voter Survey) ने एक त्वरित सर्वे किया है. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या गर्मी और चर्बी का बयान असली मुद्दे से चुनाव को भटकाने वाला है? इसके जवाब में 53 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. वहीं 30 फीसदी ने नहीं में जवाब दिया. 17 फीसदी ने पता नहीं में जवाब दिया.


क्या गर्मी और चर्बी का बयान असली मुद्दे से चुनाव को भटकाने वाला है? 
हां-53%
नहीं-30%
पता नहीं-17%



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