UP Assembly Election 2022: क्या Akhilesh Yadav के खिलाफ करहल में BJP के लिए चुनाव प्रचार करेंगी? Aparna Yadav ने दिया ये जवाब
UP Assembly Election: मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भारतीय जनता पार्टी की नेता अपर्णा यादव ने तीसरे चरण के यूपी चुनाव से पहले कई अहम मुद्दों पर बात की.
UP Election: मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भारतीय जनता पार्टी की नेता अपर्णा यादव ने तीसरे चरण के यूपी चुनाव से पहले कई अहम मुद्दों पर बात की. अपर्णा यादव से जब पूछा गया कि वह समाजवादी पार्टी छोड़कर आई हैं, नेताजी के परिवार की बहू हैं, बीजेपी में शामिल हुई हैं क्या उन्हें टिकट नहीं मिलना चाहिए था?
इस पर अपर्णा यादव ने कहा, 'वो मेरा परिवार आज भी था, कल भी है, आगे भी रहेगा. इसलिए परिवार से मेरी कोई नाराजगी नहीं है.जितना अच्छा काम पीएम मोदी और सीएम योगी ने किया, उतना अच्छा कोई कर नहीं सकता था. इसलिए मैंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन की. '
अपर्णा यादव ने आगे यह भी कहा, 'किसी महिला के लिए बार-बार परिवार-परिवार की बात क्यों पूछी जाती है. हम सब महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं तो महिला जब अपने फैसले लेती है तो उस पर इतने सवाल क्यों? ऐसे कितने लोग हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी खुद बना ली, उन पर कोई सवाल नहीं उठा. क्या उन्होंने परिवार तोड़ने का काम नहीं किया? जो लोग अपने दलों को छोड़कर जातिगत राजनीति करने के लिए दूसरी पार्टियों में जाते हैं क्या उस तरह से औरों के अधिकारों का हनन नहीं होता है. ' अपर्णा यादव ने कहा, 'मैं शायद महिला हूं इसलिए लोग सॉफ्ट टारगेट करते हैं. मैं राष्ट्रवाद की राजनीति आज भी कर रही हूं, आगे भी करूंगी.'
जब अपर्णा यादव से पूछा गया कि कुछ लोग उन्हें मौकापरस्त कह रहे हैं कि जब सपा से टिकट मिला तो वहां से चुनाव लड़ा फिर परिवार में नहीं बनी तो अब बीजेपी में शामिल हो गईं? इस पर अपर्णा यादव ने कहा, ''मैं चुनाव लड़ ही नहीं रही हूं. कैसे पता कि मुझे लोकसभा का टिकट मिलेगा या राज्यसभा का.लोग कुछ भी बात कहते हैं. मुझे अगर चुनाव लड़ना होता तो मैं चुनाव लड़ रही होती. अगर मुझे शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी में लिया है तो कुछ न कुछ सोचकर लिया है.''
जब अपर्णा यादव से पूछा गया कि तीसरे फेज का चुनाव यादव बहुल इलाके में है? क्या आप उस करहल सीट पर प्रचार करेंगी, जहां से अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं? इस पर अपर्णा ने कहा, "पार्टी मुझे जहां भेजेगी, वहां मैं जाऊंगी. इससे पहले भी मैं रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी, बहराइच, और कानपुर देहात होकर आ चुकी हूं. अभी मेरे लिए लखनऊ कैंट बेहद जरूरी है.''
इसका मतलब आपको अपने परिवारजनों के खिलाफ चुनाव प्रचार करने में कोई दिक्कत नहीं है? इस पर अपर्णा यादव ने कहा, 'अब मैं बीजेपी में हूं. परिवार अलग है. परिवार और पार्टी को एक साथ नहीं मिलाना ठीक होगा. मेरे लिए जो शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, मैं वो करूंगी.'
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