UP Assembly Election 2022: अपने पारंपरिक गढ़ हैदराबाद में सात विधानसभा सीटों तक सीमित रहने वाली पार्टी AIMIM अब उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर नजरें गड़ाए हुई है. पार्टी ने पिछले आठ सालों में एक लंबा सफर तय किया है. यूपी चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भी बड़ा फर्क ला सकते हैं. AIMIM अध्यक्ष का सबसे धमाकेदार इंटरव्यू ABP न्यूज के शो घोषणापत्र (Ghoshnapatra) में हुआ, जिसमें ओवैसी ने हर किस्म के राजनीतिक सवाल का जवाब दिया.
अखिलेश यादव ने ओवैसी पर बीजेपी का साथ देने और उसे फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसे लेकर ओवैसी ने कहा कि, इनको ये लगता है कि मुसलमान की लीडरशिप कभी न उभर पाए. क्योंकि ये समझते हैं कि मैं यादव हूं और मैं 9 फीसदी हूं और मुस्लिम 19 फीसदी हैं... अगर लीडरशिप बनेगी तो हिस्सेदारी की बात होती है. ये कहते हैं कि हम तुम्हारे अच्छे-बुरे का फैसला करेंगे और आपको कैदी और गुलाम बनाकर रखेंगे. इसीलिए ये लोग लीडरशिप नहीं बनने देना चाहते हैं.
ओवैसी ने कहा कि, यूपी में हर समाज का एक पॉलिटिकल इंपॉर्टेंस है. इसी तरह हमारा भी एक प्रयास है कि यूपी में जो 19 फीसदी मुस्लिम हैं, जिनकी इन तमाम पार्टियों ने कोई पॉलिटिकल लीडरशिप नहीं बनने दी. खासतौर पर अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. जब तक लीडरशिप डेवलप नहीं होगी, तब तक उस वर्ग का विकास नहीं हो सकता.
अल्पसंख्यकों पर ही लगते हैं इल्जाम - ओवैसी
तमाम बड़े दलों के किनारा किए जाने को लेकर ओवैसी ने कहा कि, अगर मुझे अछूत समझा जा रहा है तो चुनाव के नतीजे आ जाने दीजिए. उसके बाद सभी को पता चल जाएगा कि वो कहां हैं और हम कहां हैं. उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि, कोई दूध का धुला नहीं है. बस फर्क ये है कि आरोप हम पर लगते हैं. आजम खान जैसे लोगों पर भैंस और बकरी चोरी का आरोप लगाया गया. इल्जाम मुसलमान, दलित और आदिवासी पर ही लगता है. कई सालों तक जेलों में सड़ना और बाद में बरी होना... फिर जनता भूल जाती है. जो देश के गृह राज्य मंत्री हैं, उनका बेटा चार लोगों की हत्या कर देता है, लेकिन उनके घर को नहीं उजाड़ा गया और ना ही उनको कुछ हुआ.
यह पहली बार नहीं है, जब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) उत्तर प्रदेश में अपने राजनीतिक भाग्य का परीक्षण कर रही है. साल 2017 में पार्टी ने 403 में से 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. उसने जिन सीटों पर चुनाव लड़ा, उन पर उसे करीब दो लाख वोट मिले और उसके केवल चार उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा सके.
ये भी पढ़ें-