UP Election: बड़े बदले बदले से मेरे सरकार नज़र आते हैं. नेताजी ने अपने तेज दिमाग़ से इस बार जीत के लिए फ़ॉर्म्युला नंबर 44 का इस्तेमाल करने का मन बनाया और जीत पक्की करने का विश्वास जगाया- मतलब सीट वही सूरत नई. ऐसे में जागरुक जनता के लिए नई चुनौती.


उत्तर प्रदेश में पहले चरण की वोटिंग में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. सभी पार्टियों ने अपना पूरा जोर इस चुनाव में झोंक दिया है. एक-एक सीट का जातीय समीकरण देखते हुए सभी पार्टियों ने अपने 'जिताऊ उम्मीदवारों' को उतारा है. वहीं बीजेपी ने यूपी 2022 चुनाव के लिए अब तक अपने 359 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है और 68 विधायकों के टिकट काट दिए हैं. 


हर विधायक का टिकट काटने के पीछे कारण भी बताए गए हैं. एक बड़ी वजह है इनकी परफॉर्मेंस. बीजेपी ने विधायकों की रिपोर्ट के लिए तीन एजेंसियों की मदद ली और इसके बाद इनको टिकट नहीं देने का फैसला लिया. बीजेपी ने इनकी जगह ऐसे नेताओं पर भरोसा दिखाया, जो दूसरी पार्टियों से आए थे. यानी दल-बदलू


असल में बीजेपी के प्रदेश संगठन को ऐसी रिपोर्ट्स मिल रही थीं कि विधायकों का काम जनता को पसंद नहीं आ रहा है. आम लोगों में भी यह बात घर कर रही थी. इसके बाद सर्वे कराया गया, जिसमें विधायकों और मंत्रियों के कामकाज का आकलन हुआ. जब इस बात की खबर नेताओं को लगी तो उन्होंने पार्टी को अलविदा कहने का मन बना लिया. लेकिन इसके बावजूद भी बीजेपी ने 68 विधायकों को दोबारा टिकट नहीं दिया. साथ ही तीन मंत्री भी ऐसे थे, जिनको टिकट नहीं मिला है. 3 मंत्रियों की सीट बदली गई है. हालांकि पार्टी ने 45 मंत्रियों पर दोबारा भरोसा दिखाते हुए उन्हें टिकट भी दिया है.


किन मंत्रियों के टिकट कटे


मुकुट बिहारी वर्मा: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उम्र 76 साल है. इनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि दोबारा टिकट मिलने के बीच में इनकी उम्र आ गई. दिलचस्प बात है कि बीजेपी ने उनके बेटे गौरव को मैदान में उतारा है. 


उदयभान सिंह:  योगी सरकार में राज्यमंत्री हैं. इनका भी पार्टी ने टिकट काट दिया. इनकी जगह फतेहपुर सीकरी विधानसभा से पूर्व सांसद चौधरी बाबू लाल पर पार्टी ने भरोसा जताया है.


स्वाति सिंह: जिन नेताओं का टिकट कटा, उनमें एक नाम स्वाति सिंह का भी था. ये फिलहाल लखनऊ की सरोजिनीनगर सीट से विधायक और योगी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. कहा जा रहा है कि इनके टिकट कटने के पीछे की वजह इनके पति दयाशंकर ही हैं. दयाशंकर ने भी स्वाति सिंह की सीट पर ही दावेदारी की थी. लेकिन पार्टी ने इस सीट से दोनों की जगह राजेश्वर सिंह को उतार दिया. 


किन मंत्रियों की बदली सीट


बीजेपी ने तीन मंत्रियों- बृजेश पाठक, राम स्वरूप शुक्ला और श्रीराम चौहान की सीट बदली है. बृजेश पाठक को लखनऊ कैंट, श्रीराम चौहान को खजनी विधानसभा और राम स्वरूप शुक्ला को बैरिया विधानसभा से उतारा गया है. राम स्वरूप की सीट दयाशंकर को दी गई है. 


किन विधायकों के पार्टी ने काटे टिकट



  • सहजनवां से शीतल पांडेय

  • खजनी से संत प्रसाद

  • कुशीनगर से रजनीकांत मणि त्रिपाठी

  • हाटा से पवन केड़िया

  • देवरिया से सत्य प्रकाश मणि

  • रामपुर कारखाना से कमलेश शुक्ला

  • बरहज से सुरेश तिवारी

  • बेल्थरा रोड से धनंजय कनौजिया

  • हमीरपुर - अशोक सिंह चंदेल

  • खैरागढ़ - विधायक महेश गोयल

  • आगरा ग्रामीण हेमलता दिवाकर कुशवाहा

  • फतेहाबाद - जितेंद्र वर्मा

  • कासगंज- देवेंद्र सिंह

  • बरखेड़ा सीट -किशनलाल राजपूत

  • बिलासपुर-अज्ञास रामशरण वर्मा

  • निघासन - राम कुमार वर्मा

  • हाथरस -हरि शंकर महोर

  • जसराना -रामगोपाल

  • गोरखपुर सदर- राधा मोहन अग्रवाल

  • बैरिया- सुरेंद्र सिंह

  • बरेली - राजेश अग्रवाल,

  • मेरठ - सत्यप्रकाश अग्रवाल

  • नवाबगंज – केसर सिंह (निधन हो गया है)

  • अलीगढ़ शहर- संजीव राजा पत्नी मुक्ता राजा

  • सहजनवा - शीतल पांडेय

  • खजनी सीट- संत प्रसाद

  • भरथना - सावित्री कठेरिया

  • रसूलाबाद - निर्मला संखवार

  • बिसवान से महेंद्र प्रताप सिंह

  • भोगनीपुर से विनोद कटियार

  • फाफामऊ से विक्रमजीत मौर्य

  • कोरांव से राजकुमारी कौल

  • हैदरगढ़ से ब्रजनाथ यादव

  • करनैल गंज से अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया

  • कैसरगंज से सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा

  • फाजिलनगर से गंगा सिंह कुशवाहा

  • नौगावां सादात – संगीता चौहान



  • सिवाल खास – जितेंद्र सिंह

  • मेरठ कैंट – सत्य प्रकाश अग्रवाल

  • गढ़मुक्तेश्वर – कमल मलिक

  • सिकंद्राबाद – बिमला सोलंकी

  • बुलंदशहर – ऊषा सिरोही

  • डिबाई – अनीता लोधी

  • खुर्जा – विजेंद्र सिंह

  • बरौली – दलवीर सिंह

  • गोवर्धन – कारिंदा सिंह

  • एत्मादपुर – राम प्रताप सिंह

  • आगरा ग्रामीण – हेमलता दिवाकर

  • फतेहपुर सीकरी – चौधरी उदयभान

  • खैरागढ़ – मुकेश गोयल

  • फतेहाबाद – जितेंद्र वर्मा

  • बिथरी चैनपुर – राघवेंद्र शर्मा

  • बरेली कैंट – राजेश अग्रवाल

  • गोरखपुर – राधा मोहन दास अग्रवाल

  • सिराथू – शीतला प्रसाद


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