लखनऊ से लखीमपुर खीरी तक के मतदाता 23 फरवरी को चौथे चरण के लिए मतदान करेंगे. सोमवार को चौथे चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो गया. पहले तीन चरण में 403 में से 172 सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं. 9 जिलों की 59 विधानसभा सीटों पर चौथे चरण में वोट डाले जाएंगे. इस चरण में रोहिलखंड से तराई बेल्ट और अवध क्षेत्र के 624 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद होगी. 


चौथे चरण में रायबरेली क्षेत्र में भी विधानसभा चुनाव होंगे, जिसे गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यहीं से लोकसभा सांसद हैं. उनके बेटे राहुल गांधी अमेठी से साल 2019 में लोकसभा चुनाव केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से हार गए थे. चौथे चरण में यूपी की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी के इलेक्शन मैनेजमेंट की भी परीक्षा होगी. 


अगर अवध क्षेत्र के पिछले दो विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखें तो जो पार्टी इस क्षेत्र में जीत दर्ज करती है, सरकार उसी की बनती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रमुख दलों के बीच गठबंधन नहीं होने के कारण असमंजस की स्थिति है.


किन सीटों पर मतदान


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की 59 विधानसभा सीटें पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिलों की हैं. 16 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.


उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के मतदान में जिन सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 90 प्रतिशत बीजेपी के पास हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी. एक सीट उसके सहयोगी अपना दल (एस) के खाते में गई थी.


समाजवादी पार्टी को चार सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दो-दो सीटें जीती हैं. कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले दोनों विधायक और बसपा के एक विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.


विपक्ष के लिए क्या हैं चुनौतियां


बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन ने साल 2017 के चुनाव में 9 जिलों में से 4 में स्वीप किया था. विपक्ष को यहां से एक भी सीट नहीं मिली थी. बीजेपी ने पीलीभीत की सभी चार सीटें, लखीमपुर खीरी की आठ सीटें, बांदा की 6 सीटें और फतेहपुर की 6 सीटें जीती थीं, जिसमें एक अपना दल के खाते में गई थी. 


अवध क्षेत्र के हरदोई जिले की आठ सीटों में से सात पर बीजेपी और एक समाजवादी पार्टी जीती थी. सीतापुर में बीजेपी ने सात सीटें जीती थीं जबकि बसपा और सपा को एक-एक सीट मिली है. लखनऊ की नौ में से आठ सीटों पर बीजेपी को जीत मिली जबकि सपा को सिर्फ एक सीट मिली. रायबरेली में बीजेपी ने 6 में से 3 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस को दो और सपा को एक सीट मिली थी.


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