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UP Election 2022: प्रयागराज में किस पार्टी की चुनावी नैया की जनता बनेगी खेवैया? ऐसा है लोगों का मूड

UP Election 2022: 16वीं सदी का इलाहाबाद अब प्रयागराज बन चुका है. लेकिन क्या नाम के बदलने से कुछ और बदला है. काम के आधार पर क्या बीजेपी वापस आएगी या फिर समाजवादी पार्टी अपनी साइकिल की रफ्तार बढ़ाएगी.

UP Election 2022: 16वीं सदी का इलाहाबाद अब प्रयागराज बन चुका है. लेकिन क्या नाम के बदलने से कुछ और बदला है. काम के आधार पर क्या बीजेपी वापस आएगी या फिर समाजवादी पार्टी अपनी साइकिल की रफ्तार बढ़ाएगी, बताएंगे आपको इस चुनाव यात्रा में. संगम के तीर्थ पर हनुमान जी के मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों की भीड़ लगातार आती है, लेकिन इस बार चुनाव की पड़ताल भी हमने की.

जब लोगों से पूछा गया कि इस बार आपके लिए चुनाव के मुद्दे क्या होंगे? तो एक स्थानीय शख्स ने कहा, शिक्षा, सिंचाई और रोजगार, ये हैं इस बार के मुद्दे. दूसरे शख्स ने कहा, इस बार योगी आएंगे और वे मुख्यमंत्री होंगे, तो यह अच्छा होगा. जब पूछा गया कि चुनाव में महिलाओं का मुद्दा क्या होगा? इस पर एक शख्स ने कहा, महिलाओं के लिए मुद्दा यह है कि योगी जी फिर आएंगे. जब पूछा गया कि क्या यह मुद्दा है? आप किस मुद्दे पर मतदान करेंगे, सुरक्षा है, महंगाई है? तो शख्स ने कहा, महिलाओं की सुरक्षा के लिए. इस बार क्या है मामला? इस पर अन्य शख्स ने कहा, इस बार समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी. बेरोजगारी, महिलाओं का उत्पीड़न, नौकरियां गायब और किसान परेशान हैं.

किन्नर क्या सोच रहे हैं इस चुनाव में

प्रयागराज में कई अखाड़े हैं लेकिन अब किन्नर समाज को भी मान्यता मिल गयी है. जी हां, अखाड़े के साथ मान्यता तो मिली है लेकिन क्या इस बार चुनाव यात्रा के ज़रिए जानने की कोशिश करेंगे कि किन्नर समाज के वो सारे व्यक्ति जो जुड़े हुए हैं इसके साथ वो क्या सोचते हैं. टीना हमारे साथ हैं. तो टीना ये बताइए कि क्या सोच रहीं हैं आप इस बार? इस बार आपके लिए मुद्दे क्या हैं और समस्या क्या हैं किन्नर समाज की?

टीना ने कहा, मैं यही चाहती हूं कि हमारे देश में जो हमारे सनातन धर्म तो देखिए इतना अच्छा काम हुआ है, जैसे राम मंदिर का मुद्दा हो, काशी विश्वनाथ के गलियारे का मुद्दा हो. देखिए कैसे अच्छे काम बने हैं तो हम चाहते हैं कि ये जो हमारी सरकार है इसमें सनातन धर्म बहुत सुरक्षित है. हम लोगों को यही करना है कि फिर से यही सरकार आए.

सवाल
जब आप एलजीबीटी की बात करते हैं तो उनके भी अधिकारों की बात होती है. क्या उसमें कोई बेहतरी आई है?

टीना:

जी बिल्कुल और एलजीबीटीक्यू की बात करें तो दूसरी सरकारों ने हम किन्नरों के लिए कुछ नहीं सोचा और अभी जो सरकार है उन्होंने अभी हमारे उत्तर प्रदेश में किन्नर कल्याण बोर्ड भी बनाया गया. तो सरकार की मैं दिल से सराहना करती हूं.

सवाल
इस समय अखाड़े की सदस्यता क्या है और कितनी संख्या में किन्नर इससे जुड़े हुए हैं?

टीना :
हमारे ये किन्नर अखाड़े में तो देश भर के कोने-कोने से किन्नर साथी जुड़े हुए हैं. कोई महामंडलेश्वर, कोई पीठाधीश्वर है कोई महंत है मगर हमारा किन्नर अखाड़ा इतनी छोटी सोच नहीं रखता. किन्नर अखाड़े ने महिलाओं के लिए भी और पुरुष के लिए भी अपने दरवाजे खोल रखे हैं. काफी महिलाएं भी महामंडलेश्वर हैं और काफी पुरुष भी किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर, महंत बने हैं.

सवाल
क्या समाज आपको उस ही नज़र से देखता है? कोई अंतर आया है पहले से?

टीना :
जी जी बिल्कुल. समाज से हमारा यही कहना है कि हम लोगों की लड़ाई सम्मान की है. हम लोगों को सम्मान दीजिए आप लोग. हम लोगों को अपनाइए. हमारी यही लड़ाई है और हमारे जब से किन्नर अखाड़ा स्थापित हुआ है और तब से हमारे समाज का नज़रिया बहुत बदल गया है. लोग स्वीकार कर रहे हैं इसे.

सवाल
समाज में तो परिवर्तन आया है. ये बताइए आईडी कार्ड है आपका? कैसे दिखाते हैं, इसमें क्या लिखा है जब आप वोट करने जाती हैं?

ट्रांसजेंडर शोभा ने कहा, वोटर आईडी बनी है. अभी तो हम वोट देने जाएंगे. अब जाएंगे तब देखेंगे क्या लोग बोलते हैं.

सवाल
बहुत सारे परिवर्तन आएं हैं लेकिन क्या परिवार के तरफ़ से अभी भी स्थिति कोई बदली है या पहले जैसी ही है?

टीना 
पहले जैसी ही है. परिस्थिति ये है कि परिवार वाले अगर स्वीकार करना भी चाहते हैं तो नहीं कर पाते क्योंकि उनकी सबसे बड़ी समस्या  ये रहती है कि समाज क्या कहेगा. तो समाज नहीं बदल रहा है इसलिए हमारा परिवार भी नहीं बदल रहा है. हम सरकार से यही चाहते हैं कि पहले समाज बदले तब हमारा परिवार बदलेगा.

इसके बाद हमने बात की सिद्धार्थनाथ सिंह से, जो पश्चिमी इलाहाबाद से बीजेपी के प्रत्याशी हैं.

सवाल
आपने कई अन्य भूमिकाओं में यूपी के राजनीतिक वक्ता की भूमिका निभाई है. दोबारा जनता के बीच जाते समय आप किन बातों का ध्यान रख रहे हैं?

सिद्धार्थ नाथ सिंह
हमने यहां विकास किया है और सुरक्षा प्रदान की है और यही हमारा इरादा है. भविष्य में हम विकास को गति देना चाहते हैं और जो सुरक्षा प्रदान की गई उसमें मैं कहूंगा कि 75% लोगों को हमने जेल में डाल दिया है और शेष 25% एसपी के माफियाओं को, और जो गलत काम वे शुरू करते हैं, उन पर भी कानून द्वारा मुकदमा चलाया जाएगा और जेल में डाल दिया जाएगा.

सवाल
एसपी कह रही है कि कमल मर गया, यह गर्मी में ज्यादा दिन नहीं चलेगा?

सिद्धार्थ नाथ सिंह
एसपी को अभी भी समझ में नहीं आता कि कमल कहां खिलता है. कमल खिलेगा क्योंकि उसे ऐसा करने की आदत है. चक्र बार-बार पंचर हो जाता है, जिसे हमने 2017, 2019 में देखा था, और 2022 में भी देखा जाएगा.

सवाल
चक्र को आतंकवाद से जोड़ने की क्या जरूरत थी? गरीब भी साइकिल चलाते हैं. सही?

सिद्धार्थ नाथ सिंह
हमने जोड़ा नहीं. आप खुद जिन्ना के साथ खड़े हैं, आप खुद पाकिस्तान से प्यार करते हैं और फिर आप इसे अपने तक ले आते हैं कि ये सभी चक्र आतंकवादी हैं. हमने यह कभी नहीं कहा. आप आतंकवादियों से जुड़े रहे हैं. अहमदाबाद में जिन लोगों को मौत की सजा मिली, उनके पिता की तस्वीरें सामने आईं तो अखिलेश जी को उन्हें जवाब देना होगा कि आतंकवाद कहां से आया. अब जो लोग यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, वे 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के साथ खड़े हैं, तो बता दें कि इनका जवाब अखिलेश जी को देना चाहिए.

सवाल
रामदेव की बात पर बीजेपी टिकट देती है तो दरगाह की बात पर सपा टिकट क्यों नहीं देती?

सिद्धार्थ नाथ सिंह
हमने यह नहीं कहा कि हम रामदेव के कहने पर टिकट देंगे. हम पहले चुनते हैं और फिर टिकट देते हैं. हमने कुछ नहीं किया. कोई साबित करे कि हम रामदेव के कहने पर टिकट देते हैं.

सवाल
जब आप राजनीति की बात कर रहे हैं तो क्या आपने कम विकास किया है कि आपको राम मंदिर और अन्य चीजों की मदद लेनी पड़े?

सिद्धार्थ नाथ सिंह
हम राम मंदिर के प्रति वफादार हैं. हम राम मंदिर बना रहे हैं इसलिए हमारे साथ कभी कोई समस्या नहीं है. यह हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. हमारे लिए यह एक सांस्कृतिक मुद्दा है इसलिए हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं.

सवाल
आप कितने आश्वस्त हैं और किस आधार पर. चुनाव में आप कौन से तीन मुद्दे उठाएंगे?

सिद्धार्थ नाथ सिंह
जनता के साथ हमारी कैमिस्ट्री होगी तो हम इससे जीतेंगे. यदि आप अंकगणित को अपने भतीजे, चाचा और चाची के महागठबंधन के साथ जोड़ दें, तो आप हार जाएंगे.

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