पूर्व BJP सांसद हरिनारायण राजभर का चौंकाने वाला बयान, बोले- Arvind Kumar Sharma हो सकते हैं यूपी के अगले मुख्यमंत्री
Who is AK Sharma: यह वीडियो 4 जनवरी को मऊ में बनाया गया है. वीडियो में हरिनारायण ने कहा कि आने वाले समय में एके शर्मा मुख्यमंत्री हो सकते हैं. वह उन्हें मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.
UP Assembly Election: बीजेपी के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व आईएएस अफसर अरविंद कुमार शर्मा उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं. एके शर्मा पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं. हरिनारायण राजभर 2014 में मऊ के घोसी से सांसद थे. उनके बयान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एके शर्मा उनके बगल में दिखाई दे रहे हैं.
जब राजभर यह ऐलान कर रहे थे, तब शर्मा कुछ नहीं बोले. यह वीडियो 4 जनवरी को मऊ में बनाया गया है. वीडियो में हरिनारायण ने कहा कि आने वाले समय में एके शर्मा मुख्यमंत्री हो सकते हैं. वह उन्हें मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. मंच से अपने बयान में राजभर ने कहा, 'हमारे प्रदेश के शर्मा जी मुख्यमंत्री हो सकते हैं. मैं इनके लिए काम करूंगा, अपने प्रदेश के काम करूंगा. इसका संकल्प लेता हूं.'
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कौन हैं एके शर्मा
एके शर्मा 1988 बैच के आईएएस अफसर हैं. वीआरएस लेने के बाद उन्होंने पिछले साल 14 जनवरी को बीजेपी जॉइन की थी. वह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ तबसे हैं जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. वह उनके सेक्रेटरी थे. जब 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब वह पीएमओ में बतौर जॉइंट सेक्रेटरी शामिल हुए थे.
1962 में उत्तर प्रदेश के मऊ में पैदा हुए एके शर्मा ने अपने गृह जिले से शुरुआती शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की. साल 1988 में सिविल सर्विसेज जॉइन करने से पहले उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की. गुजरात कैडर के आईएएस शर्मा को पहली पोस्टिंग सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम की मिली थी. 1995 में उन्होंने मेहसाणा के जिलाधिकारी का पदभार संभाला. साल 2001 में शर्मा नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर सेक्रेटरी शामिल हुए और 2014 तक साथ रहे.
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शर्मा को करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि वो काफी लो प्रोफाइल रहते हैं. गुजरात में विदेशी निवेश लाने में अहम भूमिका निभाने वाले वाइब्रेंट गुजरात समिट का कामकाज भी शर्मा ने ही संभाला था. साल 2008 में प. बंगाल से टाटा के नैनो प्लांट को गुजरात में स्थापित कराने में भी शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी.
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