उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हो और चर्चा कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है. राजा भैया 1993 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. उसके बाद वह 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी चुनाव जीते. वह लगातार 6 बार चुनाव जीत चुके हैं. राजा भैया निर्दलीय चुनाव लड़ते रहे हैं. उनकी गिनती प्रदेश के बाहुबली नेताओं में होती है. राजा भैया के लिए ये चुनाव खास है, क्योंकि वह पहली बार अपनी पार्टी जनसत्ता दल के बैनर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
कुंडा में चुनाव से पहले राजा भैया से abp न्यूज के यूट्यूब चैनल 'अनकट' ने खास बातचीत की, जिसमें उनसे बीजेपी, बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर सवाल किए गए.
क्या राजा भैया की विचारधारा बीजेपी से मिलती है?
इस सवाल पर राजा भैया ने कहा कि अगर हमारी विचारधारा बीजेपी से मिलती तो हम बीजेपी ज्वाइन कर चुके होते. हमारी अपनी स्वतंत्र विचारधारा है. मेरे क्षेत्र के लोग मेरी विचारधारा से परिचित हैं.
अखिलेश यादव से कोई रिश्ता रहा क्या?
इस सवाल पर राजा भैया ने कहा कि नहीं, उनसे मेरा कोई रिश्ता नहीं रहा. वजह पूछे जानें पर उन्होंने कहा कि वो जानें. राजा भैया ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान हमने कहा था हम बसपा को हराएंगे. सपा-बसपा के गठबंधन से सपा के पुराने नेता भी खुश नहीं थे. एक तो वे जानते थे कि ये गठबंधन ज्यादा नहीं चलेगा.
मायावती से आपके कैसे संबंध हैं?
राजा भैया ने कहा कि मायावती और बसपा से विरोध के मेरे अलग कारण हैं. मायावती को लेकर राजा भैया ने कहा कि हमारी उनसे अदावत नहीं है. राजनीतिक विरोध अलग बात है. हम राजनीतिक रूप से उनके साथ ना जाएं ये अलग बात है. हमने मायावती के लिए कभी भी हल्की बात नहीं की. उनसे हमारा राजनीतिक विरोध रहा है.
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