UP Election: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मैनपुरी की करहल सीट पर उनके चाचा शिवपाल यादव ने उनके लिए वोट मांगा. करहल विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग इलाकों में सभाएं कर शिवपाल लोगों से अखिलेश यादव को रिकॉर्ड वोटों से जिताने की अपील कर रहे हैं. शिवपाल ने कहा कि हर बार उनकी जसवंतनगर सीट पर सपा को बड़ी जीत मिलती है लेकिन इस बार वो चाहते हैं कि करहल विधानसभा पर पार्टी को बड़ी जीत मिले.
मैनपुरी के करहल में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और अखिलेश यादव के सगे चाचा शिवपाल यादव सभाओं में लोगों से अपील कर रहे हैं कि जसवंतनगर से बड़ी जीत करहल की होनी चाहिए. उनका कहना है कि इस बार जसवंतनगर और करहल में कॉम्पिटिशन हो रहा है कि किसको बड़ी जीत मिलेगी. उन्होंने लोगों से कहा कि अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सबको घर-घर जाकर बूथ मजबूत करना होगा. शिवपाल युवाओं को आकर्षित करने के लिए कहते हैं कि सपा की सरकार आएगी तो हर घर में एक व्यक्ति को नौकरी लगेगी और जितने कुंवारे रह गए हैं उन सबकी शादी भी हो जाएगी.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि चाचा और गठबंधन के सहयोगी का धर्म निभाने के लिए वो करहल आये हैं. वैसे करहल में प्रचार की ज़रूरत नहीं है लेकिन चुनाव में बड़ी जीत के लिए वो प्रचार करने आये हैं. उन्होंने कहा कि 2017 में केंद्र से मंत्री बनने का ऑफर मिला था लेकिन वो सपाई हैं इसलिए ऐसे ऑफर को स्वीकार करने का सवाल ही नहीं था. प्रसपा के विलय की संभावनाओं के सवाल पर शिवपाल यादव ने कहा कि फ़िलहाल उनकी पार्टी है और चुनाव बाद कार्यकारिणी की बैठक में पदाधिकारी रणनीति पर चर्चा करेंगे.
करहल सीट से बीजेपी ने अखिलेश यादव के ख़िलाफ़ केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि अखिलेश पहले कहते थे कि उन्हें प्रचार की ज़रूरत नहीं और अब स्थिति ऐसी आ गई है कि चाचा घर-घर घूम रहे हैं. बघेल ने अपनी जीत पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि अगर नेता जी चुनाव लड़ते तो वो मैदान में नहीं होते लेकिन अखिलेश के ख़िलाफ़ लड़ भी रहे हैं और जीतेंगे भी. बघेल ने कहा कि नेता जी से बैर नहीं और अखिलेश यादव की खैर नहीं. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि जिस जिस जगह को सपा अपना गढ़ कहती रही है उस गढ़ को बीजेपी ने ढहाया है.
अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वर्तमान में अखिलेश आज़मगढ़ से सांसद हैं. विधानसभा के लिए उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि और संसदीय सीट मैनपुरी की करहल को चुना है. इस सीट पर यादव समाज के लोग बहुतायत हैं जिससे अखिलेश की जीत तय मानी जा रही है. हालांकि बीजेपी ने कद्दावर नेता को मैदान में उतारकर जीत के फ़ासले में कमी लाने की पूरी तैयारी की है. देखना होगा क्या अखिलेश यादव बड़ी जीत हासिल कर पाते हैं या बीजेपी अपनी रणनीति को कामयाब बनाने में सफल होती है.
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