UP Election: उत्तर प्रदेश चुनाव जैसे-जैसे अगले चरण की तरफ बढ़ रहा है, सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में यूपीए सरकार और समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. प्रबुद्ध सम्मेलन में अमित शाह ने कहा, 'दस साल तक सोनिया-मनमोहन सरकार में अराजकता का माहौल था. महिलाएं अपने को सुरक्षित नहीं मानती थीं. 12 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हो चुका था. ऐसा मंत्रिमंडल चलता था जिसमें हर मंत्री अपने को प्रधानमंत्री समझता था. प्रधानमंत्री को कोई कुछ नहीं समझता था.
फिर हमने फ़ैसला किया कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा बना कर लड़ा जाए. मुझे यूपी की ज़िम्मेदारी दी गई. तब मैंने यूपी को समझना शुरू किया. पंद्रह साल के सपा बसपा के शासन ने यूपी को गर्त में ढकेल दिया था. वहां परिवार का राज चल रहा था. तुष्टिकरण की राजनीति चल रही थी.'
शाह ने आगे कहा, 'यूपी में सड़क से हर ज़िला हर तहसील में जाने का प्रयास किया था. जब नरेंद्र मोदी पीएम बने तब यूपी को आगे ले जाने का काम शुरू हुआ. उस समय इस प्रयास में सबसे बड़ी बाधा राज्य सरकार थी. तब हर काम में वोट की राजनीति आ जाती थी. बस एक जाति और एक धर्म के लोगों तक ही योजनाएं पहुंचती थीं. तब ज़रूरत थी कि एक ऐसी सरकार बने जो क़ानून व्यवस्था बनाए, जो सरकार जनता के प्रति संवेदनशील हो. उस समय हम कोई चेहरा तो तय नहीं कर पाए लेकिन मोदी जी के नेतृत्व में चुनाव लड़े. नोटबंदी के फ़ैसले के बाद माहौल बनाया जा रहा था कि हम साफ़ हो जाएंगे लेकिन नरेंद्र मोदी की अगुवाई में प्रचंड बहुमत की सरकार बनी.'
प्रबुद्ध सम्मेलन में शाह ने कहा, 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में हमारा कुछ नहीं था. ये तो बस आपका सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद था. 96 प्रतिशत वादे हमने पूरे किए. सबसे पहले हमने राजनैतिक स्थिरता दी. योगी आदित्यनाथ को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया. किसी ने उनकी टांग नहीं खींची. किसी और के नाम पर कभी विचार नहीं हुआ. एक बार दिल्ली में इन्वेस्टमेंट समिट हुआ. तब अखिलेश यादव नए-नए थे तो पत्रकारों ने पूछा आप यूपी में नहीं दिल्ली में समिट कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कहा कि यूपी में क़ानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो हमने दिल्ली में कर लिया.
अमित शाह ने कहा, 'एक ही कालखंड ऐसा आया पिछले 15 सालों में जब आज़म खान, अतीक अहमद और आज़म खान तीनों एक साथ जेल में हैं. पहले जाति देख कर केस दर्ज होता था. पहले एक धर्म के खिलाफ एफआईआर नहीं होती था लेकिन अब दिमाग़ देख कर केस होता है. पहले अफ़सरों का राजनीतिकरण हो गया था. इसे हमने ठीक किया है.'
गृह मंत्री ने आगे कहा, 'आप सोच रहे होंगे कि एक वोट के लिए अमित शाह क्यों इतना भाषण दे रहे हैं पर सवाल विकास का है. जनता की उम्मीदों का है जो बीजेपी ही पूरा कर सकती है. देश में यूपी नंबर वन क्यों न हो, इसी संकल्प को पूरा करना है. अगले पांच साल में यूपी के हर ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज होगा. जिसका कोई नहीं, उसकी सरकार होनी चाहिए. जातिवाद और तुष्टिकरण के बगैर कौन सरकार चलाता है, उसे वोट मिलना चाहिए. यहां तीन बड़े मुद्दे थे. अयोध्या का राम मंदिर, काशी का विश्वनाथ मंदिर और विंध्यवासिनी मंदिर. दो काम पूरे हो चुके हैं, अब विंध्यवासिनी मंदिर पर काम हो रहा है.'
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