UP Election: पहले चरण का चुनाव अहम क्यों? कौन बनेगा पश्चिमी यूपी का सिकंदर?
UP Assembly Elections 2022: पश्चिमी यूपी के इलाके में हो रही वोटिंग पर सबकी नजरें हैं, क्योंकि किसान आंदोलन के असर वाले इलाके में वोटिंग है. यूपी के गन्ना बेल्ट में पहले दौर का मतदान है.
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UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में पहले चरण के विधानसभा चुनाव में आज 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग हो रही है. सभी 58 सीटें पश्चिमी यूपी में हैं. वही पश्चिमी यूपी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को झोली भरकर वोट दिए थे. 136 सीटों में अकेले बीजेपी 100 से ज्यादा सीटों पर विजयी रही थी, जिन 58 सीटों पर आज चुनाव हैं, उसमें 53 सीटें बीजेपी ने जीती थी.
पश्चिमी यूपी में बीजेपी और सपा गठबंधन में सीधी लड़ाई
इस बार भी बीजेपी को दोबारा सत्ता पाने के लिए पश्चिमी यूपी की बड़ी अहमियत है. तो बीजेपी को रोकने के लिए पश्चिमी यूपी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए भी अपना परफॉर्मेंस सुधारने की चुनौती है. इसी वजह से पहले चरण वाली सीटों पर प्रचार के दौरान दोनों खेमों में टक्कर दिखी.
साल 2017 से 2022 तक पश्चिमी यूपी में राजनीतिक समीकरण में खूब बदलाव हुए हैं. सबसे बड़ी वजह है बीजेपी से किसानों की नाराजगी और किसानों की अगुवाई का दावा करने वाले चौधरी परिवार का इस बार अखिलेश के साथ होना. 58 सीटों में करीब 24 सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 24 सीटों का हाल क्या था?
- बीजेपी ने- 19 सीटें जीतीं
- बसपा ने- 2 सीटें जीतीं
- सपा ने- 2 सीटें जीतीं
- और आरएलडी ने- 1 सीट जीती
चुनाव की शुरुआत से पहले भी कल किसान नेता नरेश टिकैत ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी और बीजेपी के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया. दो दिन पहले राकेश टिकैत भी बयान दे चुके हैं कि वोटर चाहे जिसे भी वोट करें, लेकिन बीजेपी को वोट ना दें. इन सारी अपील का वोटरों पर कितना असर हुआ, उसके निर्णय का वक्त है.
पश्चिमी यूपी के इलाके में हो रही वोटिंग पर सबकी नजरें हैं, क्योंकि किसान आंदोलन के असर वाले इलाके में वोटिंग है. यूपी के गन्ना बेल्ट में पहले दौर का मतदान है और जाट और मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग है, जो अखिलेश और जयंत का वोटबैंक भी माना जाता है.
2024 के लोकसभा चुनाव पर भी दिख सकता है इस चुनाव का असर
तो जाटलैंड में चुनाव की बड़ी अहमियत इसलिए है, क्योंकि इसका असर पूरे यूपी के चुनाव नतीजे पर पड़ सकता है और यूपी में जीत-हार का असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी दिख सकता है. लेकिन पहले चरण के चुनाव की अहमियत सिर्फ बीजेपी के लिहाज से नहीं है. परीक्षा अखिलेश-जयंत की जोड़ी के लिए भी है. क्योंकि इस बार अखिलेश पूरी तरह अपने चेहरे पर चुनावी कैंपेन कर रहे हैं. प्रचार में हर जगह अखिलेश का ही चेहरा है तो जयंत भी पिता अजीत चौधरी के निधन के बाद पहली बार चुनावी चक्रव्यूह का इम्तिहान दे रहे हैं.
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