(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जनता नहीं, पार्टियों पर भी लागू 'बटेंगें तो कटेंगे' की नीति? सीसामऊ सीट पर दिखा साफ असर
चुनाव के दौरान BJP के 'बटेंगें तो कटेंगे' नारे की चर्चा पूरे देश में हुई. लेकिन, कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट पर ये नारा, जनता पर नहीं, बल्कि विपक्ष पर लागू होता दिख रहा है.
UP ByPolls 2024 Result: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हुए. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा कानपुर की सीसामऊ सीट की हो रही है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की है. नसीम सोलंकी को बीजेपी के सुरेश अवस्थी से 8564 वोट ज्यादा मिले हैं. वहीं, कुल वोटों की बात करें तो नसीम को 69714 मत प्राप्त हुए हैं.
चलिए, अब आपको इस खबर में बताते हैं कि कैसे इस सीट पर बीजेपी का नारा 'बटेंगें तो कटेंगे', विपक्षी पार्टियों पर लागू होता दिख रहा है. इसके अलावा नसीम सोलंकी की जीत के पीछे के मुख्य कारणों पर भी चर्चा करेंगे.
विपक्ष पर लागू 'बटेंगें तो कटेंगे' की नीति!
बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में चुनावी प्रचार के दौरान एक नारा दिया था 'बटेंगें तो कटेंगे'. इस नारे की चर्चा पूरे देश में हुई. बीजेपी ने इसे हर राज्य में भुनाया भी. लेकिन, कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट पर ये नारा, जनता पर नहीं, बल्कि विपक्ष पर लागू होता दिख रहा है. दरअसल, इस सीट पर पूरा विपक्ष एक साथ दिखा. जहां, सपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर नसीम सोलंकी का साथ दे रही थी.
वहीं, बसपा ने इस सीट से किनारा कर नसीम की जीत को और पक्का कर दिया. दरअसल, बसपा के इस सीट पर अपना प्रत्याशी ना उतारने की वजह से, यहां का मुस्लिम वोट बैंक और दलित वोट बैंक नसीम सोलंकी के साथ हो गया. इससे बीजेपी को भारी नुकसान हुआ. विपक्ष के इस 'अघोषित गठबंधन' से नसीम की जीत, ये साफ संदेश दे रही है कि यूपी में विपक्ष 'बटेगा तो कटेगा' और 'एक रहेगा तो सेफ रहेगा'.
मंच पर बहे आंसुओं के सैलाब में बह गई बीजेपी
आपको बता दें, कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर पहले नसीम सोलंकी के पति इरफान सोलंकी विधायक थे. लेकिन, एक मामले में सजा होने के बाद इरफान सोलंकी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और ये विधानसभा सीट खाली हो गई थी. नसीम सोलंकी अपने पूरे चुनाव प्रचार में जनता से ये कहती रहीं कि उनके पति को जबरन फंसाया गया है, ताकि वह चुनाव ना लड़ सकें.
कई बार तो मंच पर प्रचार के दौरान नसीम भावुक भी हो गईं. एक जनसभा के दौरान जब वह मंच पर पहुंचीं तो रो पड़ीं और रोते हुए जनता से कहा कि एक बार विधायक जी को छुड़वा दो. हम थक गए हैं. यह आखिरी लड़ाई होगी इंशाल्लाह. इस मंच पर शिवपाल यादव भी मौजूद थे.
नसीम सोलंकी के बाद उन्होंने माइक संभाला और कहा कि बीजेपी ने पूरे प्रदेश की मां-बेटियों को रुलाने का काम किया है. बताया जाता है कि इस मंच पर जिस तरह से नसीम सोलंकी ने जनता से भावुक अपील की, उसने जनता को खासतौर से मुस्लिम वोट बैंक को उनकी तरफ पूरी तरह से झुका दिया. उनके बयान की क्लिप व्हाट्सएप पर वायरल होने लगी, जिसने उनके पक्ष में माहौल बनाने का पूरा काम किया.
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