चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की सियासत के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में दल-बदल का सिलसिला खूब चला, जिसमें सबसे ज्यादा नेता बीजेपी से बाहर निकले. इन नेताओं में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान का नाम भी शामिल है. एबीपी न्यूज के साथ इंटरव्यू के दौरान दारा सिंह चौहान ने बीजेपी छोड़ने और अखिलेश यादव की पार्टी में जाने को लेकर तमाम सवालों का जवाब दिया. 


16 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे दारा सिंह
बीजेपी छोड़ने वाले बाकी तमाम नेताओं और विधायकों ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का साथ चुना है. लेकिन दारा सिंह चौहान ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले थे. लेकिन एबीपी न्यूज के साथ इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो भी अखिलेश का ही हाथ पकड़कर चलने वाले हैं. दारा सिंह चौहान ने कहा कि, जिन लोगों ने मुझे चुना और जो लोग मुझे चाहते हैं, मेरा समर्थन करते हैं उन सभी से राय लेने के बाद ये फैसला लिया गया. सभी ने कहा कि जो दल दलितों और पिछड़े वर्ग को साथ लेकर चल सकता है वो समाजवादी पार्टी है. 


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बीजेपी ने नहीं किया सबका साथ सबका विकास - दारा सिंह
चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़े जाने को लेकर दारा सिंह चौहान ने कहा कि, पार्टी ने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था. लेकिन पिछड़े समाज के लोगों का कोई विकास नहीं हुआ. जबकि इस समुदाय ने बड़ी संख्या में बीजेपी को समर्थन देने का काम किया था. जिसके चलते इतने बड़े बहुमत से सरकार बनकर आई. लेकिन दलितों और गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ. ये सभी लोग आज आहत हैं. मैंने इनकी आवाज उचित फोरम पर उठाई, लेकिन जब देखा कि सरकार अनदेखी कर रही है तो मैंने ये फैसला लिया. 


दारा सिंह चौहान ने कहा कि, दलित समाज के लोग इतने दुखी हैं कि जिनकी वोट की बुनियाद पर सरकार बनने के बाद उनको पूछा नहीं गया. आज रोजगार के लिए युवा परेशान हैं. किसान परेशान हैं. 


सरकार से थी उम्मीद, लेकिन नहीं हुआ कोई काम
जब दारा सिंह चौहान से पूछा गया कि आपने सरकार में मंत्री रहते हुए इस तबके के लिए आखिर क्या किया? इस पर उन्होंने कहा कि, हम अब तक लगातार इस बात का इंतजार कर रहे थे कि सरकार दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में कुछ फैसला करेगी. यूपी के नौजवानों का अधिकार छीना गया, उन पर लाठीचार्ज हुआ. हम जिस सरकार में थे, उससे उम्मीद था. लेकिन ये सरकार पूरी तरह से दलितों की अनदेखी करने की बात कर रही है. 


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