UP Assembly Election 2022 (Gorakhpur Seat): उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए छठे चरण में कल गोरखपुर शहर समेत 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव की सबसे ज्यादा हॉट सीट गोरखपुर है, जहां से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताल ठोंक रहे हैं. इस सीट पर पहली बार विधानसभी चुनाव लड़ रहे योगी और दूसरे उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. योगी आदित्यनाथ 10वीं शताब्दी में मत्स्येंद्रनाथ द्वारा स्थापित नाथ मठवासी संप्रदाय की उच्च सीट गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख हैं. मंदिर एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मंदिर है. ऐसे में इस सीट पर चुनाव बेहद दिलचस्प है.
'यहां महाराज के शिवा कोई नहीं'
बीजेपी इस निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवार से कम मायने रखती है, क्योंकि योगी आदित्यनाथ को स्थानीय बोलचाल में 'महाराज' के रूप में जाना जाता है. मंदिर की प्रबंधक द्वारिका तिवारी का कहना है, "चुनाव का समय होने के कारण मुझे अभी कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है. मतदान समाप्त होने तक प्रतीक्षा करें. यहां महाराज के शिवा कोई नहीं है."
गोरखपुर के अधिकांश मतदाता चुनाव में विकल्प या पसंद के बारे में सोचने को भी तैयार नहीं हैं. स्थानीय व्यापारी रवींद्र ठाकुर ने कहा, "जब महाराज हैं, तो और कोई नहीं." साल 1998 से लोकसभा में पांच बार गोरखपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले योगी आदित्यनाथ ने यह सुनिश्चित किया है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके निर्वाचन क्षेत्र पर सभी का ध्यान जाए.
योगी को रोक पाएंगी सुभावती शुक्ला
बता दें कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से सुभावती शुक्ला मैदान में हैं. सुभावती के पति दिवंगत उपेंद्र दत्त शुक्ला, बीजेपी के उपाध्यक्ष थे और योगी आदित्यनाथ के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता स्थानीय हलकों में प्रसिद्ध है. साल 2020 में जब शुक्ला की मौत हुई तो योगी उनके घर भी नहीं गए और इससे उनका परिवार नाराज़ हो गया. सुभावती अपने अभियान में 'ब्राह्मण गौरव और पहचान' का उपयोग कर रही हैं और क्षेत्र में ब्राह्मण-ठाकुर प्रतिद्वंद्विता को भुनाने की उम्मीद कर रही हैं.
योगी के खिलाफ चंद्रशेखर की चर्चा जोरों पर
भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर मैदान में एक और उम्मीदवार हैं. चंद्रशेखर बीजेपी शासन में दलित अत्याचारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और दलितों को मजबूत करने के लिए अपने अभियान का उपयोग कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि पूर्वांचल की राजनीति में पैर जमाने और देश में दलित नेता के रूप में पहचाने जाने के लिए चंद्रशेखर चतुराई से चुनाव का उपयोग कर रहे हैं.
बसपा और कांग्रेस से कौन उम्मीदवार?
बसपा ने ख्वाजा शमसुद्दीन को मैदान में उतारा है, जिन्हें मुस्लिम वोट मिलने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार चेतना पांडे हैं. पहली बार चुनाव लड़ने वालों के खिलाफ खड़े होने के बावजूद योगी आदित्यनाथ अपने चुनाव को हल्के में नहीं ले रहे हैं. वह नियमित रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं और सभाओं को संबोधित कर रहे हैं.