UP Election 2022: BJP के साथ नहीं बनी बात, 18 जनवरी को नीतीश कुमार की पार्टी ले सकती है यह बड़ा फैसला
UP Election 2022: रिश्तों में आई इस खटास के बीच अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) ने उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है.
UP Election 2022: बिहार में सम्राट अशोक को लेकर बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) के नेता पहले से ही आमने सामने हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे दोनों पार्टियों के बीच तल्खी साफ़ नज़र आती है. रिश्तों में आई इस खटास के बीच अब जेडीयू ने उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने इस बात की पुष्टि की है.
त्यागी के मुताबिक़ 18 जनवरी को लखनऊ में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई है जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी जिसके बाद पार्टी के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किए जाने की संभावना है. बैठक में के सी त्यागी के अलावा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल मौजूद रहेंगे. हालांकि सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालन सिंह के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है.
जेडीयू ने पहले ऐलान किया था कि वो उत्तर प्रदेश का चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन में लड़ना चाहती है . हालांकि पिछले साल जुलाई में हुई पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद ललन सिंह ने ऐलान किया था कि बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं होने की स्थिति में भी पार्टी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी .
बीजेपी से बातचीत का जिम्मा पार्टी ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को सौंपा था . लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ बीजेपी की ओर से कोई उत्साहवर्धक पहल नहीं की गई . यहां तक कि दोनों दलों के बीच कोई औपचारिक बातचीत तक नहीं हो पाई . ऐसे में बीजेपी से भाव मिलता न देखकर अब जेडीयू ने अकेले ही मैदान में उतरने का फ़ैसला किया है . पार्टी कितने सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी इसका फ़ैसला तो 18 जनवरी की बैठक में होगा लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ क़रीब 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फ़ैसला हो सकता है .
पहले भी दोनों अलग अलग लड़ चुके हैं चुनाव
ऐसा पहली बार नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जेडीयू और बीजेपी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हों . अगर पिछले चुनावों पर नज़र डालें तो , 2007 में दोनों दलों ने अपना दल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू अकेले ही चुनाव मैदान में उतरी थी . वहीं 2017 के चुनाव में पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया था . हालांकि 2013 में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव तक जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन दोबारा नहीं हुआ था .