प्रयागराज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का यूपी आकांक्षी है. बड़े सपने लेकर आगे बढ़ रहा है. डबल इंजन की सरकार यूपी को विकसित बनाने में दिन-रात जुटी है. 21वीं सदी के यूपी की आकांक्षाएं पूरी हों, इसमें नेतृत्व की बहुत बड़ी भूमिका है. इसलिए सवाल ये भी है कि नेतृत्व कैसा होना चाहिए. प्रयागराज की प्रतिष्ठा यहां के बुद्धिजीवी लोगों, यहां की संस्कृति, साहित्य और कला प्रेम से भी है. आप सभी प्रबुद्ध लोग इस बात से तो परिचित हैं कि बदली विश्व व्यवस्था में भारत का मजबूत होना कितना जरुरी है. मजबूत भारत, सशक्त उत्तर प्रदेश के बिना संभव नहीं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जो घोर परिवारवादी आपके पास आकर वोट मांग रहे हैं, वो लोग सशक्त और आधुनिक उत्तर प्रदेश का निर्माण नहीं कर सकते. ये अफवाहवादी हैं, पलायनवादी हैं. ये घोर अंधविश्वासी हैं. कुर्सी ना चली जाए, इसके लिए ये लोग नोएडा और बिजनौर नहीं जाते. बिजनौर और नोएडा से जो टैक्स आता है उसमें तो मलाई मारने को ये तैयार हैं, लेकिन वहां के लोगों को मिलकर जाना, उनके सुख दुख पूछने में अंधविश्वास आड़े आ जाये, क्या ऐसे लोग उत्तर प्रदेश का भला कर सकते हैं, आधुनिक उत्तर प्रदेश बना सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि नौकरी के नाम पर पिछली सरकारों के आयोग में बैठे लोग किस योग्यता को जरूरी मानते थे? इनके लिए योग्यता की अहमियत नहीं, बल्कि सिफारिश, जातिवाद और नोटों के बंडल ही सब कुछ थे. ये लोग नौकरी के नाम पर फिर उत्तर प्रदेश के युवाओं को धोखा दे रहे हैं. सच्चाई ये है कि इन लोगों ने अपने 10 साल के शासन में सिर्फ 2 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी. वो भी भाई-भतीजावाद, जातिवाद, पैसों के बंडल के आधार पर. जबकि योगी जी की सरकार ने 5 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा का सिलेबस यूपीएससी से अलग होता था. हमारी सरकार ने आपकी ये परेशानी समझी और आज यूपी पीसीएस और यूपीएससी का सिलेबस एक जैसा कर दिया. अब उतनी ही मेहनत से आप दोनों परीक्षाएं दे सकते हैं. पहले की सरकारों में विकास के काम न होने की एक और बहुत बड़ी वजह थी- जातिवाद और भाई-भतीजावाद.
परियोजना बनने से लेकर पास होने तक और उसके काम शुरु होने से पहले ठेकेदारी तक में भाई-भतीजावाद. कुंभ जैसे पवित्र काम में भी ये गोरख धंधे इन्होंने किये. योगी जी की सरकार में आपके सहयोग से संपन्न हुए कुंभ के दिव्य और भव्य आयोजन को दुनिया ने सराहा है. यूनेस्को ने हमारी इस कुंभ की परंपरा को विश्व विरासत का दर्जा दिया है. जिस तरह पहले की सरकारों ने यूपी के नौजवानों को धोखा दिया, वैसे ही प्रयागराज को भी विकास के लिए तरसा कर रखा. जिन्हें प्रयागराज नाम से ही चिढ़ हो, वो प्रयागराज का विकास करेंगे क्या?
पीएम मोदी ने कहा कि घोर परिवारवादियों ने इतने दशकों तक संप्रदायवाद की, जातिवाद की, क्षेत्रवाद की राजनीति की. इनकी राजनीति का दायरा संकुचित है, सीमित है, संकीर्ण है. भाजपा की राजनीति का दायरा विस्तृत है, विशाल है, सर्व समावेशी है. घोर परिवारवादियों ने चौथे चरण से ईवीएम को गाली देना शुरु कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग एक्जिट पोल का इंतजार करते हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि एक्जिट पोल का इंतजार न करें. ये जैसे ही ईवीएम को गाली दें तो समझ लीजिए परिवारवादियों का खेल खत्म है. अयोध्या में हो रहे राम मंदिर के निर्माण को लेकर, काशी में हो रहे कार्यों को लेकर, प्रयागराज में हो रहे कामों को लेकर एक दूसरा पक्ष भी मैं आज देश के सामने रखना चाहता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि ये उन लोगों के लिए जानना जरुरी है जो अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, केदारनाथ, बद्रीनाथ में हो रहे सभी विकास कार्यों को सांप्रदायिक नजर से देखते हैं. 2019 में मुस्लिमों के पवित्र स्थान मक्का में 2 करोड़ से ज्यादा लोग हज करने गए थे. इसी तरह इसाइयों के पवित्र स्थान वेटिकन सिटी में 2019 में करीब 1 करोड़ लोग गए थे. इन देशों ने वहां आने वाले भक्तों के लिए बेहतरीन और आधुनिक सुविधाएं तैयार की. लेकिन हम भी उसी दिशा में काम करें, लोगों की सुविधा की चिंता करें, तो उसे ये सांप्रदायिक चश्में से देखते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आप खुद देख रहे हैं, काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के बाद वहां कितने ज्यादा भक्त आने लगे हैं. आने वालें लोगों में आस्था भी है और कौतूहल भी है. बनारस में जो विकास के काम हो रहे हैं, वो काशी और इस क्षेत्र की इकोनॉमी को बदलेंगे. प्रयागराज के लोग तो हर कुछ साल में देखते हैं कि जब कुंभ का आयोजन होता है, तो कैसे उसमें आस्था के साथ आज आजीविका भी जुड़ जाती है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब भक्तों की, यात्रियों की, पर्यटन की संख्या बढ़ती है तो वहां रोजी-रोटी मिलती है, गरीब से गरीब को काम मिलता है. हम जो काम कर रहे हैं, उससे पूरा हिंदुस्तान उस ओर आने वाला है और ये क्षेत्र आर्थिक गतिविधि का केंद्र बनने वाले हैं. ऐसे ही बद्रीनाथ, केदारनाथ में भी विकास कार्यों के बाद वहां आने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ी है. कोरोना के पहले केदारनाथ में अब तक प्रतिवर्ष जितने लोग आए होंगे, अब उससे डबल संख्या में लोग आना शुरू हुए हैं. इससे पूरे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था चल रही है.
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