UP Election: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट...ED का जॉइंट डायरेक्टर और अब खादी में दिखेगा ये अफसर, जल्द BJP में एंट्री, राजेश्वर सिंह के बारे में सबकुछ
UP Assembly Election 2022: राजेश्वर सिंह के नाम 13 एनकाउंटर हैं उन्हें उनके काम के दम पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और 'साइबर जेम्स बॉन्ड' की उपाधियों से नवाजा जाने लगा था.
Uttar Pradesh Assembly Election 2022: खाकी के बाद खादी पहनने वालों की लिस्ट में एक नया नाम जुड़ने जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय में जॉइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह के चुनाव लड़ने की संभावनाएं तेज हो गई हैं. राजेश्वर सिंह जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर के प्रतिष्ठित परिवार से हैं. राज्य के पुलिस विभाग से अपनी नौकरी शुरू करने वाले राजेश्वर सिंह ने अपनी मेहनत और काम के दम पर बेहद तेजी से कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ीं.
राजेश्वर सिंह को ह्यूमन एंड टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट माना जाता है. पुलिस करियर की शुरुआत में उनके पास गोमतीनगर सीओ (अपराध) और सीओ (यातायात) के सर्किल ऑफिसर का चार्ज एक साथ मिला था. इसको लेकर उनकी खासी चर्चा भी हुई. राजेश्वर सिंह के नाम 13 एनकाउंटर हैं, जिसके जरिए वह खूंखार और कट्टर अपराधियों को कटघरे तक पहुंचाने में सफल हुए हैं. उन्हें उनके काम के दम पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' और 'साइबर जेम्स बॉन्ड' की उपाधियों से नवाजा जाने लगा.
मुलायम के करीबी को किया था गिरफ्तार
राजेश्वर सिंह को नियमों और सिद्धांतों के प्रति अडिग माना जा जाता है, लेकिन खाकी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने कभी कोई कसर नहीं छोड़ी. लेकिन कई बार उन्होंने ऐसे कदम भी उठाए जो शायद तत्कालीन सत्ताधारी पक्ष को रास नहीं आए. एक बूढ़ी महिला ने शिकायत दर्ज करवाई कि गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके गिरोह के सदस्यों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस शिकायत के बाद राजेश्वर सिंह ने खूंखार माफिया अतीक अहमद को गिरफ्तार करने का कड़ा कदम उठाया. लेकिन इससे सत्ता में बैठे लोग नाराज हो गए. अतीक को उस वक्त के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता था.
पी चिदंबरम, मधु कोड़ा केस की जांच
एक इनवेस्टिगेटर के तौर पर सिंह की प्रोफाइल ने ईडी के तत्कालीन डायरेक्टर को प्रभावित किया. ईडी डायरेक्टर ने उन्हें अपने विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लाने के लिए नियमों में संशोधन किया. ईडी में वह एयरटेल-मैक्सिस, कॉमनवेल्थ गेम्स, कोल स्कैम, सहारा-सेबी केस, ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील जैसे देश के कुछ सबसे बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों को एक साथ संभाल रहे थे. पी चिदंबरम के बेटों कार्ति, ओम प्रकाश चौटाला, मधु कोड़ा और जगन रेड्डी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में भी वह शामिल रहे.