दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा: चुनावी दौड़ में क्या उतरे नेताजी, जनता ने वोटिंग से पहले ही इनको इलाक़े में दौड़ाया
UP Polls: बीजेपी के मुजफ्फरनगर के पुरकाजी सीटे से बीजेपी के उम्मीदवार प्रमोद ऊंटवाल का भी कुछ इसी तरह से विरोध किया जा रहा है.
UP Assembly Election 2022: चुनावी मौसम है ऐसे में नेताओं की तरफ से लोगों के घर-घर जाकर वोट मांगना बड़ी स्वाभाविक सी बात है. लेकिन, असहज स्थिति उस वक्त पैदा हो जाती है जब इन्हें खुले रूप से भारी विरोध का जनता की तरफ से सामना करना पड़ता है. इन दिनों कुछ ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान हो रहा है. विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने के बाद जनता के बीच जा रहे नेताओं को इन मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात तो यहां तक पैदा हो गए कि उम्मीदवारों को लोगों से बचाने के लिए सुरक्षाकर्मियों के भी पसीने छूट गए.
यूपी के अंदर पिछले ग्यारह दिनों में ऐसी दस घटनाएं हो चुकी है जब उम्मीदवारों को लोगों ने दौड़ा दिया. इनमें दस में से 9 उम्मीदवार बीजेपी के ही थे जबकि एक समाजवादी पार्टी से. सबसे पहले बात करते हैं सिकंदराराऊ से वर्तमान विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा का. उन्हें पार्टी ने दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है. लेकिन, लोग काफी विरोध कर रहे हैं. लोग इनका घास और कपड़े का पुतला बनाकर फूंक रहे हैं. ये 2017 में संकदराराऊ से बीजेपी टिकट पर चुनाव जीते थे.
बीजेपी ने सिराथू सीट से केशव प्रसाद मौर्य को अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, यहां के जिला पंचायत के सदस्य के पति राजीव मौर्य पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र से लापता है. ऐसे में टिकट का ऐलान होने के बाद जब केशव प्रसाद मौर्य पहली बार 22 जनवरी को इस क्षेत्र में पहुंचे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. महिलाओं ने उनके खिलाफ नारे लगाने शुरू किए. इसके बाद बड़ी मुश्किल से सुरक्षा कर्मचारियों ने डिप्टी सीएम को उनके बीच से निकाला.
खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी का हाल में कुछ अलग नहीं है. सैनी को 2017 में यहां की जनता ने अपना विधायक चुना. वे प्रचार के लिए 19 जनवरी को मुनव्वरपुर गांव पहुंचे थे. गांववालों ने उनके लिए चौपाल लगाया. लेकिन जब यह पूछा कि पांच साल तक क्यों नहीं नजर और और क्यों वोट दें. इसके बाद विक्रम सिंह असहज स्थिति में गए और वहां से पैदल ही निकलना पड़ा.
बीजेपी के मुजफ्फरनगर के पुरकाजी सीटे से बीजेपी के उम्मीदवार प्रमोद ऊंटवाल का भी कुछ इसी तरह से विरोध किया जा रहा है. लोग यह नारे लगाकर अपने रोष जता रहे हैं कि बीजेपी में खोट नहीं, ऊंटवाल को वोट नहीं. पिछली बार विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारा था तो यहां की जनता ने अपना समर्थन देकर चुनाव जीताया था. लेकिन इस बार उनसे यह पूछा जा राह है कि पांच साल तक कहां पर गायब थे.
बीजेपी ने मथुरा की बलदेव सीट पर फिर से मौजूदा विधायक पूरन प्रकाश को उतारा है. वे टिकट मिलने के बाद जब अपने विधानसभा क्षेत्र के खजूरी और रामपुर गांव पहुंचे तो लोगों ने उनका जोरदार विरोध किया. लोग यह सवाल कर रहे है कि टिकट मिलने पहले वे कब क्षेत्र में आए थे. एक बार हालात ऐसे बन गए कि वहां की जनता ने पूरन प्रकाश को गांव में ही घेरकर बाहर कर दिया.
समाजवादी पार्टी से बिजनौर की धामपुर सीट पर उतरे नईमुल हसन को इस चुनाव में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है और उनके पुतले फूंके जा रहे हैं. सपा ने पूर्व मंत्री मूलचंद्र चौहन की जगह यहां से इस बार नईमुल हसन को टिकट दिया. नईमुल हसन ने 2018 के उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार अवनि सिंह को शिकस्त दी थी. नूरपूर के तत्कालीन एमएलए लोकेन्द्र चौहान के निधान के बाद यह उपचुनाव कराया गया था. लोकेन्द्र चौहान ने नईमुल हसन को पिछली बार विधानसभा चुनाव में हराया था. ऐसे में सपा ने उन्हें नूरपुर की जगह धामपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में लोगों की तरफ से नईमुल का खूब विरोध किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: UP Election 2022: बिकरू कांड में जेल में बंद खुशी दुबे की मां के इस बयान ने सबको चौंकाया, राजनीति और गरमाई