UP Chunav: 33 साल से भगवा खेमे का अभेद्य किला बनी हुई है गोरखपुर सीट, कांग्रेस का सूरज निकला नहीं, SP-BSP की तो बोहनी तक नहीं हुई
UP Assembly Election 2022: गोरखपुर सीट पर कई दशकों से गोरखपुर मंदिर का ही प्रभाव रहा है, लेकिन इतनी चर्चा में यह सीट कभी नहीं रही. CM योगी के उम्मीदवार बनते ही ये सीट सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है
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Gorakhpur Assembly Seat: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में देश के लिए सबसे हॉट सीट गोरखपुर (Gorakhpur) मानी जा रही है. इसकी वजह ये है कि इस सीट से योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुख्यमंत्री रहते हुए ताल ठोंक रहे हैं. गोरखपुर सीट भगवा खेमे का ऐसा अभेद्य किला है, जिसे पिछले लगातार 33 साल से कोई भेद नहीं पाया है. साल 1989 के चुनाव में गोरखपुर सीट से कांग्रेस का सूरज डूबा तो अभी तक निकला ही नहीं. इस सीट पर समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की तो बोहनी तक नहीं हुई.
33 साल से भगवा खेमे का अभेद्य किला
गोरखपुर सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. तब से अबतक 17 बार विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें 10 बार जनसंघ, हिंदू महासभा और बीजेपी का परचम लहराया. एक बार जनसंघ के नेता को जनता पार्टी के बैनर तले जीत मिली. छह बार कांग्रेस को जीत मिली. लेकिन पिछले तीन दशक से कांग्रेस को जमानत बचाने के भी लाले पड़ गए हैं. समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी का तो कभी खाता भी नहीं खुला.
गोरखपुर सीट पर पिछले 33 सालों में कुल आठ चुनाव हुए जिनमें से सात बार बीजेपी और एक बार हिंदू महासभा (योगी आदित्यनाथ के समर्थन से) के उम्मीदवार ने जीत हासिल की. 2002 में डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल अखिल भारतीय हिंदू महासभा के बैनर तले जीते थे लेकिन जीतने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. तब से वह आज तक इस सीट पर काबिज हैं.
मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर सदर सीट से ही 1998 से 2017 तक सांसद रहे हैं. वह सबसे पहले 1998 में यहां से बीजेपी उम्मीदवारत् के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़े थे. उस चुनाव में उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया. वह 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए.
इस बार योगी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे चंद्रशेखर आजाद
दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने गोरखपुर सदर सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. आजाद (35), दलित अधिकार संगठन भीम आर्मी के सह संस्थापक हैं. उन्होंने मार्च 2020 में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की शुरुआत की थी, जिसके वह अध्यक्ष हैं. आजाद हाल तक अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ चुनाव लड़ने के वास्ते गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन उसके द्वारा केवल दो सीटों की पेशकश किए जाने पर बात नहीं बन पाई.
गोरखपुर सदर सीट के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण यानी तीन मार्च को मतदान होना है. मतगणना 10 मार्च को होगी.
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