नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होती दिखाई दे रही है. रुझानों के मुताबिक अब ये साफ हो चुका है कि एक बार फिर वोटों की गुल्लक जनता ने भर दी है. 2014 में नरेंद्र मोदी ने जनता के बीच उम्मीद जगाई थी. 2019 में मोदी की जोरदार वापसी उनके कामकाज पर जनता की जोरदार मुहर है. लेकिन इसके साथ साथ सवाल ये भी है कि इतना जोर लगाने के बाद आखिर महागठबंधन कैसे पिछड़ गया.
इस मुद्दे पर एबीपी न्यूज से बात करते हुए अतहर हुसैन (मुस्लिम मामलों के जानकार) ने अपनी राय रखी. अतहर हुसैन ने कहा कि यूपी में विकास की स्कीम को जमीनी स्तर पर लाने और कास्ट समीकरण का बीजेपी को पूरा फायदा मिला. और बीजेपी का वोट पर्सेंटेज अच्छा हो गया. वहीं महागठबंधन को उसके कोर वोटरों का वोट मिला लेकिन वो सीटों में कनवर्ट नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि बीएसपी के बेस वोट दलित-मुसलमान और समाजवादी पार्टी के बेस वोट यादव समाज-जाटव-मुसलमान दोनों में 40 परसेंट वोट बीजेपी के पक्ष में चले गए.
अतहर हुसैन ने कहा कि बैक वर्ड क्लास में यादव के अलावा जो जातियां हैं उनका वोट भी गठबंधन को नहीं मिला. इसमें कुर्मी और निषाद जातियां है जिन्होंने वोट नहीं दिया. सब बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गई. उन्होंने कहा कि दलितों में जाटव के अलावा पासी समाज का वोट गठबंधन को नहीं पड़ा.
उन्होंने कहा कि कानपुर देहात और पूर्वी-पश्चिमी इलाके में कोईरी समाज के लोग काफी तादाद में हैं और ये सब एकजुट होकर बीजेपी के साथ चले गए. इसलिए गठबंधन को ये दिन देखना पड़ा.
यूपी: महागठबंधन को वोट मिला पर सीटों में नहीं बदल पाया- अतहर हुसैन
एबीपी न्यूज वेब डेस्क
Updated at:
23 May 2019 05:41 PM (IST)
अतहर हुसैन ने कहा कि बैक वर्ड क्लास में यादव के अलावा जो जातियां हैं उनका वोट भी गठबंधन को नहीं मिला. इसमें कुर्मी और निषाद जातियां है जिन्होंने वोट नहीं दिया. सब बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गई. उन्होंने कहा कि दलितों में जाटव के अलावा पासी समाज का वोट गठबंधन को नहीं पड़ा.
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