UP Nagar Panchayat Chunav Results 2023 Highlights: यूपी नगर पंचायत चुनाव में कहां-कहां जीती बीजेपी, जानें मुस्लिम बहुल सीटों का हाल
UP Nagar Panchayat Chunav Results 2023 Highlights: यूपी नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के लिए वोटिंग दो चरणों में हुई थी. शनिवार को वोटों की गिनती होगी.
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UP Nagar Panchayat Chunav Results Live Highlights: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के वोटों की गिनती शनिवार (13 मई) को सुबह 8 बजे से होगी. इसी के साथ 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के किस्मत का फैसला भी हो जाएगा. इसके लिए यूपी में दो चरणों 4 और 11 मई को वोटिंग हुई थी. अब वोटों की गिनती के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार मतगणना के लिए 353 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं.
यूपी नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में 37 जिलों में 4 मई को नगर निगमों के 10 मेयर और 820 पार्षदों, 103 नगर पालिका परिषद अध्यक्षों, 2,740 नगर पालिका परिषद सभासदों, 275 नगर पंचायत अध्यक्षों और 3,645 नगर पंचायत सदस्यों समेत कुल 7,593 पदों के लिए 44 हजार से अधिक उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई थी.
दूसरे चरण में नगर पंचायतों के लिए 2,942 थे उम्मीदवार
वहीं यूपी नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 11 मई को 38 जिलों में सात मेयर 581 पार्षद, 95 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, 2520 नगर पालिका परिषद सदस्य, 267 नगर पंचायत अध्यक्ष तथा 3459 नगर पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था. नगर पंचायतों के 267 अध्यक्षों के पदों के लिए 2,942 उम्मीदवार और इनके 3,459 सदस्यों के पद के लिए 17,997 उम्मीदवार मैदान में थे.
निकाय चुनाव के दोनों चरण में कितना हुआ मतदान?
दूसरी तरफ नगर निकाय चुनाव में कुल मिलाकर, 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए, जबकि 14,522 पदों के लिए 83,378 उम्मीदवार मैदान में थे. यूपी में मेयर का चुनाव आगरा, झांसी, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन नगर निगम में हुआ था. बता दें कि नगर निकाय चुनाव में 11 मई को दूसरे चरण में 38 जिलों में 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि चार मई को पहले चरण में राज्य के 37 जिलों में 52 प्रतिशत मतदान हुआ था.
UP Nagar Panchayat Chunav Result: इस नगर पंचायत अध्यक्ष पर अभी तक नहीं आया रिजल्ट, जानें वजह
यूपी निकाय चुनाव का रिजल्ट आ गया, लेकिन लोग अभी भी कुछ सीटों पर परिणाम आने का इंतजार कर रहे हैं. जौनपुर जिले की खेतासराय नगर पंचायत अध्यक्ष और रामपुर जिले में एक नगर पंचायत में सदस्य का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक अभी तक मतगणना पूरी नहीं हुई है.
UP Nagar Panchayat Chunav Result: यूपी नगर पंचायत में जीते सदस्यों की चल संपत्तियों का ब्योरा
नगर पंचायत के 10 सदस्य (0.1%) ऐसे हैं, जिनकी चल संपत्ति एक करोड़ से अधिक है. 21 (0.3%) नगर पंचायत सदस्यों की चल संपत्ति 50 लाख से एक करोड़ रुपये है. 77 सदस्यों (1.1%) की चल संपत्ति 25 से 50 लाख रुपये तक है. वहीं 6869 (95.7%) ऐसे नगर पंचायत सदस्य हैं, जिनकी चल संपत्ति 25 लाख तक की है.
UP Nagar Panchayat Result: नगर पंचायत सदस्यों की संपत्तियों का डेटा किया गया जारी
चुनाव आयोग ने नगर पंचायत सदस्यों की कुल चल और अचल संपत्तियों का डेटा जारी किया है. यूपी नगर पंचायत के 115 सदस्यों (1.6%) की कुल अचल संपत्ति एक करोड़ से अधिक है. 301 (4.2%) नगर पंचायत के सदस्यों की अचल संपत्ति 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक है. वहीं 5731 (79.9%) ऐसे नगर पंचायत के सदस्य हैं, जिनकी अचल संपत्ति 25 लाख रुपये तक है.
बीजेपी के 5 मुस्लिम प्रत्याशियों ने नगर पंचायत में जीत दर्ज की
यूपी निकाय चुनाव में 5 नगर पंचायतों पर बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. मुरादाबाद मंडल में बीजेपी के दो मुस्लिम प्रत्याशियों को नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत मिली. मुरादाबाद की भोजपुर धर्मपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी की फरखन्दा जबीं ने जीत दर्ज की. वहीं संभल की सिरसी नगर पंचायत पर बीजेपी के कौसर अब्बास ने जीत दर्ज की. यह दोनों सीट मुस्लिम बहुल सीटों में गिनी जाती है, जहां बीजेपी पहली बार जीत है. मुरादाबाद मंडल में बीजेपी ने 3 नगर पालिका और 13 नगर पंचायतों में मुस्लिम प्रत्याशी खड़े किए थे. वहीं पूरे प्रदेश के 37 नगर पंचायतों पर बीजेपी ने मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिसमें से 5 ने जीत दर्ज की.
बरेली की सभी 15 नगर पंचायतों में निर्दलीय पार्षदों की जीत
बरेली की सभी 15 नगर पंचायतों में निर्दलीय पार्षद जीते हैं. नगर पंचायतों में पार्टी सिंबल पर लड़ने वालों को जनता का साथ नहीं मिला है.