SP And Congress Alliance: लोकसभ चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया जिसका फायदा अखिलेश यादव और राहुल गांधी को मिला भी. कहा ये भी जा रहा है कि दोनों नेताओं का जो समन्वय दिखा वो 2027 में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा लेकिन इन सब के बीच अखिलेश यादव ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे कांग्रेस को मिले झटके के रूप में देखा जा रहा है.
दरअसल, अखिलेश यादव ने सहारनपुर से पूर्व सांसद और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता फजुलुर्हमान को समाजवादी पार्टी में शामिल कर लिया है. इसको लेकर चर्चा होने लगी है कि अगर सपा और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है तो उन्होंने कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के विरोधी नेता को सपा में शामिल क्यों किया.
इमरान मसूद और अखिलेश यादव के संबंध ठीक नहीं?
हालांकि इमरान मसूद के अखिलेश यादव से भी संबंध अच्छे नहीं रहे. पहले वो सपा में ही थे फिर उन्होंने बीएसपी ज्वाइन की, इसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए. सहारनपुर ऐसी सीट है जहां पर अखिलेश यादव को लगता है कि ये उनकी पार्टी की जमीनी सीट है. अब उन्होंने इमरान मसूद के विरोधी नेता को शामिल कर लिया है तो माना ये जा रहा कि अखिलेश यादव अब इस जिले में अपनी धाक जमाना चाहते हैं.
इमरान मसूद और फजुर्हमान में आमने-सामने टक्कर
इन दोनों नेताओं की अपने जिले में साख है. दोनों ही नेता सहारनपुर में अपनी-अपनी राजनीति करते दिखते हैं और अपनी-अपनी चलाना चाहते हैं. एक तरफ जहां फजुर्हमान बड़े कारोबारी हैं और कई स्लॉटर हाउस के मालिक हैं. उनकी सहारनपुर में पहचान बहुत पैसे वाले की है. इलाके में उनकी पहचान एक शरीफ और सज्जन सांसद की रही है. वहीं, इमरान मसूद का जिले में अपना वजूद है. दोनों ही नेताओं की अपनी-अपनी पहचान है.
अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा का ये गठबंधन कितना कमाल कर पाता है. सहारनपुर में जहां एक तरफ कांग्रेस के इमरान मसूद पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं तो वहीं अब फजुर्हमान समाजवादी पार्टी की खोई जमीन वापस दिलाने में मदद करने वाले हैं.
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