उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के तहत बृहस्पतिवार को 10 जिलों के 57 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान समाप्त हो गया और शाम सात बजे बजे तक औसतन 55 फीसदी मतदान होने की जानकारी मिली है. राज्य के गृह विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार शाम सात बजे तक 55.79 प्रतिशत मतदान की खबर है. विभाग के मुताबिक ये आंकड़े अनन्तिम हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में इन 57 सीटों पर 56.47 फीसदी मतदान हुआ था.


राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक चला. इसके साथ ही कुल 403 विधानसभा सीटों में से 349 सीटों पर अब तक मतदान हो चुका है. शेष 54 सीटों पर अंतिम चरण में सात मार्च को मतदान होगा. गृह विभाग के बयान के मुताबिक शाम सात बजे तक मिली जानकारी के अनुसार अम्बेडकरनगर में 62.66 प्रतिशत, बलिया में 52.01 प्रतिशत, बलरामपुर में 48.90 प्रतिशत, बस्ती में 57.20 प्रतिशत, देवरिया में 56 प्रतिशत, गोरखपुर में 58.89 प्रतिशत मतदान हुआ. इसके अलावा कुशीनगर में 59 प्रतिशत, महराजगंज में 59.5 प्रतिशत, संत कबीर नगर 52.20 प्रतिशत व सिद्धार्थ नगर 51.60 प्रतिशत मतदान हुआ.


इन नेताओं की किस्मत EVM में कैद


विधानसभा चुनाव के इस चरण में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ (गोरखपुर सदर), स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह (बांसी), बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी (इटवा), पूर्व श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (फाजिलनगर) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (तमकुही राज) की भी प्रतिष्ठा दांव पर है. इस चरण में एक करोड़ महिलाओं समेत करीब 2.15 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस चरण में 66 महिलाओं समेत कुल 676 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है.


इस चरण का 2017 का नतीजा


राज्य पुलिस के एक बयान के मुताबिक छठे चरण में गोरखपुर सदर समेत नौ विधानसभा क्षेत्रों को 'संवेदनशील' माना गया था. इनमें बांसी, इटवा, डुमरियागंज, बलिया सदर, फेफना, बैरिया, सिकंदरपुर और बांसडीह भी शामिल रहे. साल 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में इन 57 सीटों में 46 सीटें BJP और दो सीटें उसके सहयोगी दलों अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने जीती थी, हालांकि सुभासपा इस बार समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है.


सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर


छठे चरण में गोरखपुर सदर सीट से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर है. इसके अलावा सिद्धार्थनगर जिले की बांसी सीट पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भाजपा उम्मीदवार के तौर पर फ‍िर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसी जिले की इटवा सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व सपा उम्मीदवार माता प्रसाद पांडेय का मुकाबला राज्‍य के बेसिक शिक्षा मंत्री व भाजपा उम्मीदवार सतीश चंद्र द्विवेदी से है. कुशीनगर जिले की पडरौना विधानसभा सीट से पिछली बार भाजपा से चुनाव जीते और करीब पांच वर्ष तक योगी सरकार में श्रम मंत्री रह चुके स्‍वामी प्रसाद मौर्य इस बार कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से सपा के उम्मीदवार हैं जहां उनका मुख्य मुकाबला भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा से है.


राज्य के कृषि मंत्री और भाजपा उम्मीदवार सूर्य प्रताप शाही का देवरिया जिले की पथरदेवा सीट पर अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी सपा के ब्रह्माशंकर त्रिपाठी से मुकाबला है. इसके अलावा स्‍वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री श्रीराम चौहान (खजनी-गोरखपुर) राज्‍य मंत्री जयप्रकाश निषाद (रुद्रपुर-देवरिया) तथा पत्रकारिता से राजनीति में आये शलभ मणि त्रिपाठी (देवरिया) में भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं.


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