UP By Elections: उत्तर प्रदेश (यूपी) के रामपुर में एक कांग्रेस नेता को शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में एक सीनियर नेता से खूब खरी खोटी सुनने को मिली. दरअसल, कांग्रेस नेता को कथित तौर पर भाजपा के एक विधायक के साथ घुलते-मिलते देखा गया था. उप-चुनाव से पहले दोनों ही नेताओं की एक साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई थी, जिससे पार्टी के नेतृत्व का ध्यान इस ओर गया. हालांकि, रामपुर के नेता ने बचाव करते हुए कहा कि वह एक समर्पित कांग्रेसी नेता हैं और कोई उनके खिलाफ पार्टी के नेतृत्व को गलत सूचना दे रहा है.
यूपी में जल्द होने हैं उप-चुनाव
उत्तर प्रदेश में जल्द ही उपचुनाव होने हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने अब तक 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है. चुनाव आयोग का कहना है कि वर्तमान में मानसून सक्रिय है. परिस्थितियां अनुकूल होते ही समयानुसार मतदान करा दिया जाएगा. यूपी की 10 सीटों समेत अन्य विधानसभा के भी उपचुनाव होने हैं. इसी के साथ एक लोकसभा सीट पर भी चुनाव होना है. यानी 47 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. आयोग के अनुसार, अगले छह महीनों में चुनाव करा दिए जाएंगे.
किन सीटों पर हो रहा चुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं वे इस प्रकार हैं: गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी, फूलपुर, खैर और सीसामऊ. इनमें से चार ऐसी विधानसभाएं है, जहां भाजपा के लिए चुनावी राह आसान नहीं हैं. उनका ब्योरा नीचे है:
- करहल- यहां पर अखिलेश यादव विधायक थे, जो अब कन्नौज से सांसद हैं. इस सीट पर उनके भतीजे तेजप्रताप यादव के उतरने की तैयारी है.
- मिल्कीपुर- मिल्कीपुर अयोध्या की वो सीट है, जहां से अवधेश प्रसाद नौ बार से जीतते आएं हैं. इस बार सपा अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव लड़ा सकती है.
- सीसामऊ- कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सज़ायाफ्ता होने से खाली हुई है. वहां सपा उनके ही परिवार से किसी को चुनाव में उतार सकती है.
- कुंदरकी- मुरादाबाद की कुंदरकी सीट संभल लोकसभा के भीतर आती है. मुस्लिम बहुल होने के कारण इसे सपा का गढ़ माना जाता है. 60 फीसदी मुस्लिम बहुल इस सीट पर भाजपा के लिए चुनाव जीतना काफी मुश्किल हो सकता है.