Uttar Pradesh Election 2022: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आज मैनपुरी की करहल सीट से पर्चा दाखिल किया. ये पहले से तय था. लेकिन बीजेपी ने इस चुनाव में सरगर्मी पैदा कर दी और अचानक सबको चौंका दिया, जब चुपके से केंद्रीय मंत्री और अनुसूचित जाति के नेता सत्य पाल सिंह बघेल को मैदान में उतार दिया. बीजेपी ने एसपी सिंह बघेल के नाम का एलान बाद में किया उससे पहले ही उन्होंने करहल सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया.


बीजेपी के इस कदम को सियासी पंडित अलग अलग नज़रों से देख रहे हैं, लेकिन उसके इस फैसले पर एसपी सिंह बघेल की राय क्या है ये जानना अहम. पार्टी ने आखिर ये चौंकाने वाला फैसला क्यों लिया इसको लेकर एबीपी न्यूज़ ने एसपी सिंह बघेल से जब सवाल किया तो उन्होंने कहा, "मैं मिलिट्री साइंस का प्रोफेसर हूं. युद्ध के मैदान में सरप्राइज़ का बड़ा महत्व होता है. तो ये एक सरप्राइज़ है."


उन्होंने इस दौरान चीनी नेता माओत्से तुंग के एक कथन का ज़िक्र करते हुए कहा, "पूरब में दहाड़ो और पश्चिम में वार करो. इसलिए हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने, रणनीतिकारों ने कुछ ऐसी रणनीति बनाई होगी." उन्होंने कहा कि भारतीय चुनावी राजनीति की शायद ये पहली घटना होगी कि पर्चा पहले दाखिल हो गया है और एलान बाद में हुआ.


बघेल से जब सवाल हुआ कि उन्हें करहल से लड़ने के बारे में कब बताया गया तो उन्होंने कहा, "जो योद्धा होते हैं उन्हें हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. ऐसा नहीं होता है कि अचानक कह दिया जाए तो आप मानसिक रूप से तैयार न हों.


कैसा रहा है सियासी सफर


बघेल ने समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. चार बार लोकसभा सांसद रहे, जिसमें शुरुआती तीन बार समाजवादी पार्टी के ही सांसद रहे. फिर बीएसपी से राज्यसभा सांसद बने. उसके बाद बीजेपी में आ गए. पहले विधायक और योगी सरकार में मंत्री बने. पिछली बार लोकसभा में जीतकर गए और पिछले साल मोदी सरकार में न्याय और कानून राज्य मंत्री बने.


 



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