Uttar Pradesh Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिला मतदाताओं की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ने के साथ इस चुनावी मौसम में हिंदी पट्टी में राजनीतिक दलों के महिलाओं की भूमिका को देखने के तरीके में थोड़ा बदलाव आया है. उत्तर प्रदेश में खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही कांग्रेस (Congress) महिलाओं को अपने वोट बैंक के रूप में जोड़ने के लिए प्रयोग कर रही है और उसने महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने महिलाओं को अपनी पार्टी के संभावित वोट बैंक के रूप में देखने के साथ ही व्यवस्था या अत्याचार के खिलाफ अपनी व्यक्तिगत लड़ाई लड़ने वाली आम महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है. महिलाओं को 40 फीसद टिकट देने की घोषणा करने वाली कांग्रेस ने भले ही इस मामले (महिलाओं को टिकट देने) में बढ़त बना ली हो, लेकिन अन्य दल भी यूपी (UP) में बदलते राजनीति माहौल के प्रति अधिक सतर्क हो गए हैं.
कांग्रेस की सूची में जहां अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर का नाम शामिल है जिन्हें, दिसंबर 2019 में लखनऊ में नागरिकता विरोधी कानून का विरोध करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था. वहीं उन्नाव में पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के दुष्कर्म की शिकार पीड़िता की मां को भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिसंबर को प्रयागराज में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के बैंक खातों में 1,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे, जिससे लगभग 16 लाख महिलाओं को लाभ हुआ. विशेष रूप से जमीनी स्तर पर महिलाओं को आवश्यक कौशल, प्रोत्साहन और संसाधन प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना चलाई गई. इस कार्यक्रम में दो लाख से अधिक महिलाओं की भागीदारी देखी गई थी.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी महिला केंद्रित मुद्दों पर अधिक जोर दे रही हैं. कांग्रेस ने एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया है, जिसमें महिलाओं के लिए कई प्रमुख वादे किए गए हैं. हाल ही में आलोचकों का मुकाबला करने के लिए बॉलीवुड की फिल्म 'दीवार' के उस संवाद ' मेरे पास मां है' की तर्ज पर कांग्रेस ने जनाधार खोने के आरोपों का यह कहते हुए जवाब दिया कि 'मेरे पास बहन है.'
6.98 करोड़ से अधिक महिला मतदाता
निर्वाचन आयोग कार्यालय के अनुसार, मतदाता सूची के संशोधन के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं के नामांकन से लिंग अनुपात में 11 अंकों का सुधार हुआ है जो एक नवंबर, 2021 को 1000 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 857 से बढ़कर पांच दिसंबर को 868 हो गया. आयोग ने उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची जारी की जिसमें 8.04 करोड़ पुरुष मतदाता (8,04,52,736) और 6.98 करोड़ से अधिक महिला मतदाता (6,98,22,416) हैं. आयोग ने राज्य में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के वास्ते इसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम भी शुरू किया है.
समाजवादी पार्टी जिसने नई टैग लाइन "नई हवा है, नया सपना है" को अपनाया है, ने हाल ही में अपने उस एम-वाई (मुस्लिम-यादव) फॉर्मूले को नया अर्थ देने की कोशिश की है, जिसने इसे उत्तर प्रदेश में सत्ता में पहुंचा दिया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा था, "नई सपा में, एम-वाई का मतलब महिला और युवा है. हम अब बड़े परिप्रेक्ष्य में मुद्दों को देख रहे हैं और जातिवाद से बंधे नहीं हैं."
हालांकि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के महिला होने के बावजूद इस पार्टी ने महिला मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कभी अलग अभियान पर जोर नहीं दिया और यह पार्टी अपने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है. इसी सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले से 2007 में बसपा ने उप्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी.
कांग्रेस ने महिला समाज के एक खास तबके को भी दिया टिकट
कांग्रेस की महिला उम्मीदवारों की सूची में समाज के एक खास तबके को प्रतिनिधित्व दिया गया है, जैसे शाहजहांपुर की एक आशा कार्यकर्ता पूनम पांडे, जिन्हें उनके मानदेय में वृद्धि की मांग करते हुए कथित रूप से पीटा गया था. लखीमपुर खीरी में मोहम्मदी सीट से रितु सिंह जो एक पूर्व सपा कार्यकर्ता थीं और उन्हें पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए उनके साथ मारपीट की घटना हुई थी. हस्तिनापुर (अनुसूचित जाति-आरक्षित) की कांग्रेस उम्मीदवार 26 वर्षीय अर्चना गौतम एक अभिनेत्री और मॉडल हैं और बिकरू मामले में मुठभेड़ में मारे गए एक आरोपी की पत्नी खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी कानपुर के कल्याणपुर से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.
समाजवादी पार्टी ने अमेठी से पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी को मैदान में उतारा है. एक विशेष अदालत ने 2017 में बलात्कार के एक मामले में गायत्री प्रजापति और दो अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. छात्र कार्यकर्ता पूजा शुक्ला, जिन्होंने जून 2017 में मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने के बाद योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाया था, को लखनऊ उत्तर से सपा ने उम्मीदवार बनाया है.
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर आईं विधायक अदिति सिंह को उनकी रायबरेली सदर सीट से टिकट दिया है. अदिति सिंह ने हाल ही में खुद को 'बिना बाप की बेटी' बताया था और पंजाब में अपने पति अंगद सिंह को कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
पिछले चुनाव में कितनी महिलाएं जीती थीं
पिछले चुनाव में, उत्तर प्रदेश विधानसभा में रिकॉर्ड 40 महिला उम्मीदवारों ने जगह बनाई थी, जो 403 सदस्यीय सदन में महिला सदस्यों का अब तक का सबसे अधिक अनुपात है. उस समय सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने एक साथ 96 महिलाओं को मैदान में उतारा था, जिनमें से बीजेपी और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) से सबसे अधिक 35 महिला प्रतिनिधि विधायक बनी थीं. इसके बाद बसपा और कांग्रेस से दो-दो महिलाओं को जीत मिली थी और समाजवादी पार्टी से एक महिला उम्मीदवार विजयी हुई थीं. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में 35 महिलाएं चुनी गई थीं जो कि उस समय का रिकॉर्ड था.
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