UP Assembly Elections 2022: चुनाव की तारीखों के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पहली बार यूपी में प्रचार के रण में उतरे और काशी (Varanasi) के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया. बीजेपी (BJP) ने जो प्रचार का प्लान तैयार किया है, उसमें पहले डिजीटल प्रचार और मैदानी जंग दोनों मोर्चे पर पुख्ता तैयारी है और ये तैयारी बीजेपी के दो बड़े चेहरे को केंद्र में रखकर की गई है.


दो चेहरे कौनसे हैं?



  • एक तरफ हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के सबसे बड़े नेता और स्टार प्रचारक.

  • दूसरी तरफ हैं अमित शाह, देश के गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य.


यूपी के समर में सियासी दांवपेंच का खेल खेलेंगे मोदी-शाह


पीएम मोदी यूपी चुनाव में डिजिटल मोर्च पर विरोधियों का किला ध्वस्त करेंगे तो वहीं गृहमंत्री अमित शाह मैदान में बीजेपी को ग्राउंड स्तर पर मजबूत करेंगे और जीत के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को तैयार करेंगे. ये दोनों नेता 22 जनवरी के बाद यूपी के समर में सियासी दांवपेंच का खेल खेलेंगे.


पीएम मोदी के वर्चुअल प्रचार का ब्लूप्रिंट


पीएम मोदी के वर्चुअल प्रचार के ब्लूप्रिंट की बात करें तो इसके मुताबिक, पीएम मोदी हर दूसरे दिन यूपी की जनता से जुड़ेंगे और वो सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से बात करेंगे. इसके लिए बीजेपी ने 403 LED वैन तैयार किए गए हैं. यूपी की हर विधानसभा में एक LED वैन रहेगी. इसके अलावा पार्टी ने पूरे यूपी में पार्टी ने 27,700 शक्ति केंद्र बनाए हैं. इन सभी शक्ति केंद्रो पर एक LED टीवी लगाया जाएगा, जहां लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए पीएम की रैली से जुड़ेंगे.


अब तक के प्लान के मुताबिक, हर विधानसभा सीट पर 27 वर्चुअल रैलियां होंगी और हर रैली में अलग अलग वर्ग को टारगेट किया जाएगा. इसके अलावा जिले में बैठक करने वाले बड़े नेताओं की भी वर्चुअल रैली होगी. दूसरी तरफ 23 जनवरी से गृहमंत्री अमित शाह यूपी के मैदान में अपना दम दिखाएंगे. यूपी के सभी 75 जिलों का दौरा करेंगे. दौरे के बीच चुनावी रैली और जनसभा भी करेंगे. जमीनी स्तर पर बीजेपी के कैडरों को जीत के लिए तैयार करेंगे.


मोदी-शाह के कंधे से ही मिली थी यूपी में 2017 की बंपर जीत


बता दें कि मोदी-शाह की इस जुगलबंदी से बीजेपी बहुत उम्मीदें हैं, क्योंकि यूपी में 2017 की बंपर जीत मोदी-शाह के कंधे से ही मिली थी. प्रचार में पीएम मोदी के अंदाज का कोई सानी नहीं है तो कूटनीति में बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह की चालों का किसी के पास कोई काट नहीं हैं.


2017 के बाद से ही शाह और मोदी की जुगलबंदी ने बीजेपी को देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बना दिया. इसी जोड़ी के दम पर 2019 में बीजेपी की दोबारा सरकार बनी और पीएम मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने.


शाह-मोदी की जोड़ी हिंदुस्तान की सियासत की सबसे सुपरहिट जोड़ी मानी जाती है. ऐसे में बीजेपी को अपने इन दो बड़े नेताओं से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं तो वहीं एक सवाल है कि क्या 2017 की तरह ही क्या ये जोड़ी फिर एक बार जीत का इतिहास दोहरा पाएगी?


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