Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे, लेकिन नतीजों से पहले ही कई तरह के कयास शुरू हो चुके हैं. चुनावी रणनीतिकारों और नेताओं ने नतीजों की भविष्यवाणी शुरू कर दी है. साथ ही चर्चाओं का दौर भी तेज हो चुका है. बीजेपी नेता और रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय राजधानी देहरादून पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की और इस दौरान 10 मार्च को आने वाले चुनाव नतीजों को लेकर चर्चा हुई. निशंक के अलावा विजयवर्गीय ने मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ भी नतीजों पर चर्चा की. साथ ही बताया गया है कि बैठकों का ये दौर अभी आगे भी जारी रहने वाला है.
कैलाश विजयवर्गीय के पहुंचने के कई मायने
अब कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता का राजधानी में पहुंचना और लगातार बैठकें करने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर बीजेपी किसी तरह बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाती है तो आगे की रणनीति पर चर्चा हो रही है. बहुमत जुटाने का फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है. क्योंकि अगर चुनावी नतीजों में कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों में से किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो निर्दलीय, आम आदमी पार्टी, बसपा, सपा और उत्तराखंड क्रांति दल के ‘विधायकों’ की सरकार बनाने में भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी.
माना जाता है कि साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की बगावत में विजयवर्गीय ने अहम भूमिका निभाई थी और अब उनके आने को इसी नजरिये से देखा जा रहा है. यहां राजनीतिक प्रेक्षक जेएस रावत का मानना है कि नतीजों से पहले ही विजयवर्गीय जैसे रणनीतिकारों के आने से यह स्पष्ट है कि 60 से अधिक सीटें जीतने के दावे के विपरीत भाजपा अब स्पष्ट बहुमत मिलने को लेकर भी आश्वस्त नहीं है और ऐसी स्थिति में उसे निर्दलीयों तथा अन्य दलों के विधायकों का समर्थन लेना पड़ेगा .
इस तरह की अटकलों को हवा देते हुए बद्रीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि जीतने की प्रबल संभावनाओं वाले कई कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के संपर्क में हैं और देश को कांग्रेस मुक्त बनाने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने में आवश्यकता पड़ने पर उनका समर्थन लिया जा सकता है. हालांकि, भट्ट ने उम्मीद जताई कि भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल कर लेगी और उसे किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी.
कांग्रेस ने भी शुरू की तैयारी
कांग्रेस भी चुनाव नतीजों के बाद उभरने वाली संभावनाओं पर विचार कर रही है. पार्टी महासचिव और प्रदेश में पार्टी के चुनाव संचालन के प्रभारी हरीश रावत भी केंद्रीय नेताओं से चुनाव बाद के परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में हैं. चुनावों के दौरान सक्रिय रहे कई केंद्रीय नेताओं के एक-दो दिन में यहां पहुंचने की संभावना है, जिससे वे अंतिम क्षणों में पार्टी में होने वाली संभावित टूट-फूट पर नजर रख सकें और दल-बदल न हो सके. ‘संभावित’ सरकार बनाने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए आ रहे कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के लिए यहां राजपुर रोड स्थित एक होटल में कमरे बुक कराए जा चुके हैं.
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