Uttarakhand Election: बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह पर हरीश रावत ने दिया बड़ा बयान, कांग्रेस में शामिल होने के लिए रखी ये शर्त
Uttarakhand BJP Minister Expelled: हरक सिंह रावत को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है. इसके साथ ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण BJP ने भी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है
Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड में बीजेपी के बर्खास्त मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Sing Rawat) के कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर पार्टी नेताओं ने अबतक चुप्पी साध रखी थी. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) का बड़ा बयान सामने आया है. हरीश रावत ने कहा है कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो हम पार्टी में उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं.
हरीश रावत ने कहा, ‘मैं इस पर कोई बयान नहीं देना चाहता. बीजेपी से निष्कासित हरक सिंह अभी कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं. पार्टी कई पहलूओं पर विचार करने के बाद निर्णय लेगी. अगर वह कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अपनी गलती स्वीकार करेंगे, तो हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं.’
I don't want to make any statement on this. Expelled Uttarakhand BJP Minister Harak Singh has not joined the Congress party yet. Party will take a decision after considering several angles: Former Uttarakhand CM & Congress leader Harish Rawat https://t.co/eJBwidCRqy pic.twitter.com/3BMk7Hgep0
— ANI (@ANI) January 17, 2022
2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे हरक
दरअसल, हरक सिंह रावत 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनका कहना है कि उस समय परिस्थितियां अलग थीं और वह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अपना बड़ा भाई मानते हैं. लेकिन यह पूर्व सीएम हैं, जिन्होंने पिछले कई महीनों से पार्टी में उनका प्रवेश रोक दिया था. हारीश रावत हरक सिंह के नेतृत्व वाले झुंड के विद्रोह को नहीं भूले हैं.
हरक सिंह रावत को रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी सरकार से हटा दिया गया. साथ ही रावत को अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिए बीजेपी से निष्कासित भी कर दिया गया. आरोप है कि रावत विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी सहित अपने परिवार के तीन सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे थे.
पिछले महीने हरक सिंह रावत ने कैबिनेट की बैठक छोड़ दी थी और अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज के लिए बजट की मांग करते हुए इस्तीफा देने की धमकी दी थी और कहा था कि मेडिकल कॉलेज के लिए स्वीकृत पांच करोड़ रुपये पर्याप्त नहीं थे.
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