Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यानी बीचे रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पार्टी और उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता को निष्कासित कर दिया. इधर हरक सिंह को पार्टी से 6 साल को लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया वहीं दूसरी तरफ अटकलें लगाई जाने लगी की हरक सिंह रावत अब कांग्रेस में शामिल होने की कोशिशों में हैं. 


वहीं बीजेपी से निकाले जाने पर भावुक हरक सिंह ने ये भविष्यवाणी भी कर दी कि 10 मार्च को नतीजे आएंगे तो बीजेपी सत्ता से बाहर होगी और कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी. चुनाव के इतने नजदीक समय में पार्टी से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत एबीपी न्यूज़ के खास चुनावी कार्यक्रम 'घोषणापत्र' में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब दिए.


बातचीत के दौरान हरक सिंह रावत पर लगाए गए मौकापरस्ती के आरोपों पर उन्होंने कहा, "मैंने कभी खुद फैसला नहीं किया. परिस्थितियों ने निर्णय लेती हैं. बीजेपी को बचपन से पाला. यहां बीजेपी को बनियों की पार्टी कहा जाता था. गावों में लोग नाम लेने के लिए तैयार नहीं होते थे. मैंने स्कूटर से, जहां सड़कें नहीं थीं वहां पैदल जाकर बीजेपी को उत्तराखंड में खड़ा किया... मैंने लोगों को जोड़ना शुरू किया." उन्होंने कहा कि जब मैंने बीजेपी छोड़ी मेरे लिए बीजेपी नहीं राज्य का आंदोलन ज़रूरी था.


कांग्रेस में जाने की कोशिशों के आरोपों पर हरक सिंह रावत ने कहा कि मैंने बीजेपी नहीं छोड़ी. मेरे दिल्ली आने पर सोशल मीडिया पर बातें आईं. उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कह रहा हूं मैंने कांग्रेस के किसी नेता से कोई बात नहीं की थी. उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली में आकर अमित शाह को फोन मिलाया ही था कि किसी ने मुझसे कहा कि आपको पार्टी से निकाल दिया.


अपने किसी बयान में हरीश रावत ने हरक सिंह को लोकतंत्र का गुनहगार बताया था. इस सवाल पर उनकी प्रतिक्रिया बारे में पूछने पर हरक सिंह ने कहा, "मैं लोकतंत्र का गुनहगार तो नहीं हूं, मैं लोकतंत्र का संरक्षक हूं. उत्तराखंड का हितैषी हूं." उन्होंने कहा कि मेरे अंदर भी लोगों का दर्द है. कई बार लोग कहते हैं कि आपके आंसू क्यों निकलते हैं. ये कोई बनावटी आंसू नहीं हैं. रोकर देखे कोई ज़रा. ये दिल का दर्द है.


कांग्रेस में शामिल होने पर क्या बोले?


हरक सिंह रावत ने कांग्रेस ज्वाइन करने पर कहा, "आज मैंने कई लोगों से बातचीत की है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी का, विपक्ष के नेता का, प्रभारी का, हरीश रावत के बहुत करीबी लोगों का, सभी के आज फोन आए. बातचीत हुई है. उन्होंने उत्साह दिखाया है. स्वागत किया है और उन्होंने कहा है कि हम बातचीत कर रहे हैं. आज बातचीत हुई है. उन्होंने कहा है कि वो जो भी फैसला लेंगे, तो आज तय करेंगे." उन्होंने कहा कि उत्तरांखड के लिए माफी मांगने को तैयार हूं.


बीजेपी से निकाले जाने पर क्या बोले थे?


बीजेपी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर हरक सिंह रावत ने कहा था, "बीजेपी इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की. मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था." हरक सिंह रावत ने कहा था कि अब मैं निस्वार्थ होकर कांग्रेस को जीताने का काम करूंगा. हम पिछले पांच साल नौजवानों को रोजगार नहीं दे पाए, उत्तराखंड क्या नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया है.


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