हाजीपुर लोकसभा सीट बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक हैं. ये वैशाली जिले में आती है. इस सीट के किंग लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख रामविलास पासवान रहे हैं. वो कुल नौ बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं. इनमें से ज़्यादातर बार उन्होंने इसी सीट से चुनाव जीता है. दो बार तो उन्हें इतने ज़्यादा वोट मिले की इतिहास बन गया. इसी सीट पर पहली बार कांग्रेस के उम्मीदवार ने चुनाव जीता था, वहीं बीजेपी अभी तक इस सीट पर खाता भी नहीं खोल पाई.


लोकसभा सीट का इतिहास
देश में 1951-52 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए. 1957 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. तब हाजीपुर लोकसभा सीट से दो सांसद चुने जाते थे.
1957 में कांग्रेस के टिकट पर हाजीपुर से राजेश्वर पटेल और चन्द्रमणि लाल चौधरी चुनाव जीते.
1962 में कांग्रेस के राजेश्वर पटेल फिर से सांसद बनें.
1967 में कांग्रेस के वाल्मिकी चौधरी चुनाव जीत कर सांसद बनें.
1971 में इंडियन नेशनल कांग्रेस (संगठन) के दिग्विजय नारायण सिंह सांसद बनें.
1977 में हाजीपुर सीट एससी के लिए आरक्षित हो गई. कांग्रेस विरोधी लहर में भारतीय लोकदल के राम विलास पासवान पहली बार सांसद बनें. 4 लाख 24 हजार 545 वोटों से पासवान चुनाव जीते थे. पासवान को कुल वोट को 89.30 फीसदी वोट मिला था.
1980 में एक बार फिर राम विलास पासवान चुनाव जीते. इस बार पासवान जनता पार्टी (सेक्यूलर) से चुनाव लड़े थे.
1984 में पासवान लोकदल से लड़े लेकिन कांग्रेस के राम रतन राम से चुनाव हार गए.
1989 में पासवान जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते और इस बार की जीत 1977 की जीत से भी बड़ी थी. इस बार पासवान ने कांग्रेस के महावीर पासवान को 5 लाख 4 हजार 448 वोटों से हराया.
1991 में राम विलास पासवान सीट बदलकर रोसड़ा से चुनाव लड़े. तब जनता दल के राम सुन्दर दास चुनाव जीते.
1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान जनता दल के टिकट पर हाजीपुर से सांसद चुने गए.
1999 में पासवान जेडीयू के टिकट पर हाजीपुर से चुनाव जीते.
अक्टूबर 2000 में राम विलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की.
2004 के लोकसभा चुनाव में राम विलास पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर सांसद बने.
2009 में जेडीयू के वरिष्ठ नेता राम सुन्दर दास हाजीपुर के सांसद बनें और 1977 के बाद पहली बार राम विलास पासवान चुनाव हारे.
2014 में राम विलास पासवान हाजीपुर से फिर सांसद चुने गए. पासवान 9वीं बार लोकसभा के सांसद चुने गए.


कौन सी पार्टी कितनी बार जीती
अब तक हुए 15 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 4 बार, कांग्रेस (संगठन) 1 बार, जनता पार्टी 2 बार, जनता दल 4 बार, जेडीयू 2 बार और लोक जनशक्ति पार्टी 2 बार चुनाव जीती है.
बीजेपी और आरजेडी इस सीट पर खाता भी नही खोल सकी हैं.


कौन से बड़े नेता जीते
राम सुन्दर दास– बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
राम विलास पासवान– लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और केन्द्र सरकार में मंत्री हैं.


कितनी विधानसभा सीट– कौन कौन जीता
हाजीपुर लोकसभा सीट में विधानसभा की 6 सीटें- हाजीपुर, लालगंज, महुआ, राजा पाकर, राधौपुर और महनार आती हैं
2015 के विधानसभा चुनाव में 6 में से 3 सीटों पर आरजेडी और 1-1 सीट पर बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी को जीत मिली थी.


जातिगत समीकरण
बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है.


कौन हैं राम विलास पासवान?
रामविलास पासवान देश में वर्तमान दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी हैं. पासवान कुल 9 बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं और 1 बार विधायक भी रह चुके हैं. छात्र राजनीति में सक्रिय रामविलास पासवान ने जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. 1969 में पहली बार पासवान बिहार के विधानसभा चुनावों में संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी के उम्‍मीदवार के रूप निर्वाचित हुए. आपातकाल का विरोध करते हुए पासवान जेल भी गए.


पासवान के बारे में कहा जाता है कि केंद्र में किसी भी दल की सरकार हो रामविलास पासवान मंत्री जरूर होंगे. रामविलास पासवान अटल बिहारी बाजपेयी की एनडीए सरकार में भी मंत्री थे तो यूपीए-1 की सरकार में मंत्री बने. 2014 के चुनाव में पासवान फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए के साथ जुड़ गए और हाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीते. पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं


लोक जनशक्ति पार्टी
राम विलास पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक हैं. 28 अक्टूबर 2000 को राम विलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी. पार्टी की स्थापना के वक्त इसे एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की आवाज बताया गया था. बिहार के एससी समाज के बीच इस पार्टी का खासा जनाधार है. लोक जनशक्ति पार्टी का बिहार और केन्द्र में एनडीए के साथ गठबंधन है. लोक जनशक्ति पार्टी के बिहार में कुल 6 लोकसभा सांसद और 2 विधायक हैं.


क्या है VIP Seat Series
VIP Seat Series हमारी उस मुहिम का हिस्सा है जिसमें हम आपको लोकसभा की 543 सीटों में से उन सीटों का ब्यौरा देने वाले हैं जिनपर हार-जीत पर सबकी निगाहें रहेंगी.  उदाहरण के लिए इस सीरीज़ में हम आपको पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक की सीट का इतिहास से वर्तमान तक सबकुछ बताएंगे. 2019 के आम चुनाव से पहले जानकारी के लिहाज़ से ये बेहद अहम है कि इन सीटों पर किनका दबदबा रहा है.


क्या है लोकसभा, कैसे बनती है केंद्र सरकार
लोकसभा संसद का निचला सदन है. आम चुनाव में वोटर सीधे वोट देकर अपने पसंद के उम्मीदवारों को सांसद बनाकर यहां भेजते हैं. ये उम्मीदवार किसी भी पार्टी का या स्वतंत्र हो सकता है. केंद्र सरकार बनाने के लिए होने वाले इस चुनाव में सरकार बनाने के लिए 543 का आधा+1 यानी 272 सीटों की ज़रूरत होती है. जिस पार्टी या गठबंधन के पास इतनी सीटें हों, वो अपनी सरकार बनाकर अपना पीएम चुन सकते हैं जिसके जिम्मे देश के लिए नीति निर्माण का काम करना होता है.


जानें, यूपी की VIP Seat गोरखपुर के बारे में