Wayanad Bypolls 2024: केरल के वायनाड संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपने चुनावी करियर की धमाकेदार शुरुआत की है. अब तक के रुझानों के अनुसार प्रियंका गांधी 1.5 लाख से अधिक वोट हासिल कर चुकी हैं और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से एक लाख वोटों से आगे चल रही हैं. यह सीट पहले उनके भाई राहुल गांधी के पास थी जिन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे छोड़ा था.
प्रियंका गांधी के बाद दूसरे स्थान पर सीपीआई के सीनियर नेता सत्यन मोकेरी हैं जो करीब 65,000 वोटों के साथ पीछे हैं. वहीं बीजेपी की नव्या हरिदास तीसरे स्थान पर हैं जिन्हें लगभग 35,000 वोट मिले हैं. इस सीट पर कुल 16 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है लेकिन प्रियंका गांधी की बढ़त ने मुकाबले को एकतरफा बना दिया है.
राहुल गांधी की रणनीति और वायनाड का महत्व
राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड से जीत दर्ज कर अपनी लोकसभा सदस्यता बरकरार रखी थी. हालांकि अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2024 में उन्होंने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों में जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने रायबरेली को अपनी सीट के रूप में चुना और वायनाड से प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.
परिवार का समर्थन और विकास का वादा
प्रियंका गांधी के प्रचार अभियान में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने पूरी ताकत झोंक दी. राहुल गांधी ने वायनाड को देश का सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाने का वादा किया और प्रियंका को इसे साकार करने का लक्ष्य दिया. उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि वे "गैर-आधिकारिक सांसद" के रूप में वायनाड के लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे. वायनाड में प्रियंका गांधी की बढ़त कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है. ये चुनावी जीत पार्टी को न केवल एक मजबूत संदेश देगी बल्कि आगामी राजनीतिक चुनौतियों के लिए भी उत्साह प्रदान करेगी.
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