पश्चिम बंगाल: लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस-सीपीएम में जल्द बातचीत हो सकती है
LokSabha Election 2019: दोनों पार्टियों में पहले से ही सीटों के बंटबारे को लेकर बातचीत चल रही है. लेकिन 3 फरवरी को होने वााले रैली के बाद सीटों के बारे में कोई औपचारिक एलान सामने आ सकता है.
LokSabha Election 2019: 2018 के अंत में तीन राज्यों में मिली सफलता के बाद कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है. 2014 में महज 44 सीट पर सिमट जाने वाली कांग्रेस, बीजेपी विरोधी पार्टियों के आसरे 2019 का चुनाव लड़ना चाहती है. रिपोर्ट्स की मानें तो पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और सीपीएम एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इतना ही नहीं सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है दोनों पार्टियों में जल्द ही सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत हो सकती है.
रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों पार्टियों में पहले से ही सीटों के बंटबारे को लेकर बातचीत चल रही है. लेकिन 3 फरवरी को होने वााले रैली के बाद सीटों के बारे में कोई औपचारिक एलान सामने आ सकता है.
पीटीआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राज्य कांग्रेस 18 से 20 सीटों पर अपना दावा पेश कर रही है. इन सीटों में रायगंज और मुर्शिदाबाद की वो दो सीटें भी शामिल हैं जो कि सीपीएम 2014 के लोकसभा चुनाव में जीतने में कामयाब रही थी. बंगाल में सीपीएम के हाथ 2014 में यही दो सीटें लगी थी. ऐसा माना जा रहा है इन्हीं दो सीटों के वजह के दोनों पार्टियों के बीच में पेंच फंसा हुआ है.
आपको बता दें कि लोकसभा सीटों के मामले में यूपी और महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. 2014 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने 42 में से 34 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस इस चुनाव में राज्य में 4 सीटें जीतने में कामयाब रही, जबकि सीपीएम और बीजेपी को 2-2 सीटों पर जीत मिली थी.
वोट शेयर की बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 39.05 फीसदी वोट मिली थे. सीपीएम 29.71 फीसदी वोट लेकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. वहीं बीजेपी 16.80 फीसदी और कांग्रेस 9.58 फीसदी वोट लेकर तीसरे-चौथे नंबर पर रहे.