WB Panchayat Election 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार (25 जुलाई) को कहा कि वह पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई कथित हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर तत्काल चर्चा के लिए राज्य विधानसभा में इस सप्ताह दो स्थगन प्रस्ताव पेश करेगी. वहीं, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी के आरोपों को 'झूठ का पुलिंदा' करार देते हुए दावा किया कि वह (बीजेपी) राज्य में अराजक स्थिति उत्पन्न करना चाहती है.


नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा सभागार के बाहर संवाददाताओं से कहा कि पार्टी उम्मीद करती है कि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय दोनों प्रस्तावों को मंजूरी देंगे, ताकि इस महीने की शुरुआत में पंचायत चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ टीएमसी द्वारा की गई कथित हिंसा और धांधली को बहस के जरिये सामने लाया जा सके. उन्होंने कहा कि बहस से यह भी रेखांकित होगा कि कैसे प्रशासन ने एक पक्ष में काम किया और आधिकारिक रूप से उन्हें विधानसभा की नजर में लाया जा सकेगा.


हम इसका विरोध और इसे रद्द करने की मांग करेंगे-  शुभेंदु अधिकारी 
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि दूसरा स्थगन प्रस्ताव राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, खासतौर पर मालदा में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के मामले और आठ जुलाई को पंचायत चुनाव के दौरान हावड़ा के पंचाल में बीजेपी के एक ग्राम सभा उम्मीदवार को परेड कराने को लेकर होगा. बीजेपी विधायक शंकर घोष ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि मंगलवार को पार्टी विधायक विष्णुपद रॉय के निधन की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 


उन्होंने कहा, 'दो स्थगन प्रस्तावों के संबंध में नोटिस नहीं दिया जा सका और हम दोनों नोटिस इस सप्ताह देंगे ताकि यथाशीघ्र इनपर फैसला लिया जा सके. दोनों मुद्दे गंभीर हैं.' तृणमूल कांग्रेस के मणिपुर हिंसा के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव पेश करने के सवाल पर अधिकारी ने कहा, 'हम इसका विरोध करेंगे और इसे रद्द करने की मांग करेंगे, क्योंकि उक्त मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है.' उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने भगवा पार्टी ने शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर पेश स्थगन प्रस्ताव को इसी आधार पर अस्वीकार कर दिया था और दो मापदंड नहीं होने चाहिए.


'बीजेपी के दोनों आरोप झूठ का पुलिंदा है'
अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के विधानसभा में मुख्य सचेतक तपस रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि बीजेपी कोई भी प्रस्ताव पेश कर सकती है, लेकिन उसे उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि उसे सदन की संबंधित समिति के जरिये प्रस्ताव पेश करना होगा, जो उसने नहीं किया है. 


रॉय ने कहा, 'इस मामले पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है, लेकिन बीजेपी के दोनों आरोप झूठ का पुलिंदा है, क्योंकि वह 2019 के लोकसभा चुनाव से ही हिंसा भड़का रही है और बंगाल में अराजक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है.' मणिपुर मुद्दे पर बीजेपी के रुख पर रॉय ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति से सभी अवगत हैं.


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