Bengal Panchayat Election Result: 20 बूथों पर पंचायत चुनाव रद्द, केंद्रीय बलों की तैनाती पर BSF ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
WB Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद भी कई जगहों पर हिंसा जारी है. वहीं केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर बीएसएफ के महानिरीक्षक ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट सोंपी है.
West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का दौर अभी भी जारी है. राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने गुरुवार (13 जुलाई) को तीन जिलों के 20 बूथों पर पंचायत चुनाव रद्द कर दिया है. राज्य के कई हिस्सों में मतगणना के दौरान पोलिंग बूथों पर हिंसक झड़पें हुई थी.
एक चुनाव पैनल अधिकारी के अनुसार, हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना के कुछ बूथों पर चुनाव रद्द कर दिया गया है, जहां मतगणना के दिन मतपत्र लूटे जाने के बाद गिनती बाधित हुई थी. इन बूथों पर बाद की तारीख में नए सिरे से मतदान कराया जाएगा. हालांकि अभी तक नए चुनावों के लिए किसी तारीख की घोषणा नहीं की गई है.
चुनाव के बाद भी जारी हिंसा
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद भी हिंसा की घटनाएं जारी है जिसमें कई लोग घायल हुए है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील के बाद भी कई जगहों पर नई घटना हुई. जिस पर कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने भी राज्य में जारी हिंसा पर आश्चर्य जताया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि साउथ 24 परगना के भंगोर में कथित तौर पर बम बनाने के दौरान ब्लास्ट करने से करीब 4 लोग जख्मी हुए है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया की यह मामला तब सामने आया जब घायलों को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए जा रहे गाड़ियों को पुलिस ने चेक पोस्ट पर पकड़ा.
BSF के महानिरीक्षक ने सौंपी रिपोर्ट
सीमा सुरक्षाबल के विशेष महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने राज्यपाल बोस से मुलाकात की और पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती पर राज्य चुनाव पैनल की ओर से कथित देरी पर एक रिपोर्ट सौंपी. बीएसएफ के महानिरीक्षक ने बुधवार को केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले में राज्य चुनाव पैनल के कथित असहयोग पर कलकत्ता हाई कोर्ट में भी एक रिपोर्ट सौंपी.
बीएसएफ के महानिरीक्षक ने एसईसी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यदि वे सच साबित होते हैं तो यह अदालत के आदेश और निर्देश की जानबूझकर अवहेलना करना होगा. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य चुनाव पैनल ने उन संवेदनशील बूथों की सूची साझा नहीं की जहां केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना था.
इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि जमीन पर केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई. इसमें कहा गया है कि त्रिपुरा से जो सैनिक लाये जाने थे वे वापस चले गये क्योंकि उनका कथित तौर पर उपयोग नहीं किया गया.
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