WB Panchayat Elections 2023: बंगाल में 34 सालों तक राज करने के बाद, बीते कुछ सालों में सीपीएम पार्टी राज्य की राजनीति में जैसे कहीं खो गई है. हालांकि इस बार पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस ली है और नई रणनीति के साथ मैदान में आई है.  2021 विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी सत्ता में वापसी के लिए इस नई रणनीति पर काम कर रही थी. पार्टी युवाओं को चुनावी मैदान में उतार कर जनता को लुभाने का प्रयास कर रही है. 2021 में इसी रणनीति के तहत पार्टी ने अपनी केंद्रीय समिति के सदस्यों के लिए आयु सीमा को 80 से घटाकर 75 वर्ष कर दिया था.


इस बार पंचायत चुनाव में सीपीएम ने 73,000 पंचायत सीटों पर 43,000 उम्मीदवार को उतारा है. पार्टी का मानना है कि बीजेपी और टीएमसी के खिलाफ जनता के मन में गुस्सा है और उनके पास सीपीएम बेहतर विकल्प है.


एक सीपीएम राज्य कमिटी मेंबर ने कहा की, 'नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के खिलाफ कोई अगर सबसे ज्यादा संघर्ष कर रहा है तो वो है  स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई)'.


एसएफआई और डीवाईएफआई ने उतारे अपने उम्मीदवार 


इस पंचायत चुनाव में 14 स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के तो वहीं 10 डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के  राज्य समिति के सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. सीपीएम छात्र विंग के राज्य प्रमुख सृजन भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने हमेशा से युवा मेंबरों को आगे आने का मौका दिया है. सृजन भट्टाचार्य ने खुद 2021 विधानसभा चुनाव  में 14.3 प्रतिशत वोट जुटाए थे, वहीं 2016 में उनका वोट काउंट 39.50 प्रतिशत रहा था.


हालांकि पंचायत चुनाव में युवाओं को टिकट दे रही सीपीएम की अगर टॉप नेताओं की बात की जाए तो इनके पोलित ब्यूरो में 64 वर्ष के राम चंद्र डोम, निर्णय लेने वाले ग्रुप में सबसे कम उम्र के मेंबर हैं.


आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद तीनों ही स्तरों पर वोटिंग 8 जुलाई को होनी है और इसके परिणाम 11 जुलाई को आएंगे.