BJP On Bengal Panchayat Election Violence: पश्चिम बंगाल में शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव 2023 के लिए मतदान हुए. इस दौरान कई जिलों से हिंसा की खबरें सामने आईं. मतदान के दिन हुई हिंसा में कुल 13 मौतें, दर्जनों घायल और कई मतदान केंद्रों पर हमले हुए. इसे लेकर अब टीएमसी और बीजेपी एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. 


पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने रविवार (9 जुलाई) को आरोप लगाया कि पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों को 'जानबूझकर' तैनात नहीं किया गया था. इस पर टीएमसी ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगर बलों को तैनात किया गया होता तो हिंसा नहीं होती. 


बीजेपी का टीएमसी पर आरोप 


बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "अगर संवेदनशील स्थानों पर केंद्रीय बल तैनात किए गए होते तो इतनी हिंसा नहीं होती और लोग स्वतंत्र रूप से और बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते थे. केंद्रीय बलों को जानबूझकर संवेदनशील इलाकों में तैनात नहीं किया गया."


दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मतदान केंद्रों पर बलों को तैनात करने के बजाय, उन्हें राजमार्गों पर गश्त करने के लिए मजबूर किया गया या पुलिस स्टेशनों पर रखा गया. उन्होंने दावा किया, ''यहां तक ​​कि जहां उन्हें तैनात किया गया था, वह भी हिंसा और वोटों की लूट के बाद ही किया गया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने उन्हें सभी बूथों पर तैनात करने का आदेश दिया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया."


बीजेपी पर टीएमसी का पलटवार 


बीजेपी के इस दावे पर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, " इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगर बल तैनात होते तो हिंसा नहीं होती." उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान कूच बिहार में केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए. पंचायत चुनाव में 61,000 से ज्यादा बूथों पर मतदान हुआ और करीब 60 बूथों पर ही हिंसा हुई और उनमें से आठ पर गंभीर घटनाएं हुईं. ज्यादातर मामलों में टीएमसी कार्यकर्ताओं की मौत हिंसा के कारण हुई"


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