WB Panchayat Election: हिंसा की रिपोर्ट लेकर अमित शाह से मिले राज्यपाल, कहा- 'सुबह से ठीक पहले के घने अंधेरे का वक्त है, जल्द ही...'
West Bengal Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें मतदान के दौरान हुई हिंसा की रिपोर्ट सौंपी.
West Bengal Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल में शनिवार (08 जुलाई) को पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान हुई हिंसा की घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच सोमवार (10 जुलाई) को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और हिंसा की रिपोर्ट सौंपी.
इस मुलाकात के बाद राज्यपाल ने कहा कि सुबह से ठीक पहले के ‘घने अंधेरे’ का वक्त है, जल्द ही ‘उजाला’ होगा. आने वाले दिनों में अच्छा होगा. दरअसल, 8 जुलाई को हुए मतदान के दिन 15 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबरें सामने आई थी. कई मतदान केंद्रों में तोड़फोड़ भी की गई थी.
11 जुलाई को आएंगे चुनाव के रिजल्ट
मतदान के दिन हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए चुनाव आयोग ने रविवार (9 जुलाई) को फिर से 696 बूथों पर सोमवार (10 जुलाई) को मतदान कराने का ऐलान किया था. आज बंगाल में पुनर्मतदान संपन्न हो गए हैं. अब चुनाव के फैसले मंगलवार (11 जुलाई) को आएंगे.
हिंसा के दौरान कई जगहों का किया था दौरा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पंचायत चुनावों में हिंसा मुक्त मतदान कराने के लिए लगातार सक्रिय थे. मतदान के दिन भी राज्यपाल ने विभिन्न स्थानों विशेषकर उत्तर 24 परगना जिले का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लिया था.
सीवी आनंद बोस ने आम लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए राजभवन में एक 'शांति गृह' भी खोला है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद अपने विचारों पर एक रिपोर्ट तैयार की है.
बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग
वहीं, चुनाव के दौरान भड़की हिंसा को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच भी जुबानी जंग जारी है. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी बूथ कैप्चरिंग की झूठी खबरें फैला रही है. इससे पहले बीजेपी ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बूथों पर जानबूझकर केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई थी.
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "केंद्रीय बलों को जानबूझकर संवेदनशील इलाकों में तैनात नहीं किया गया." बीजेपी के इस दावे पर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, " इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगर बल तैनात होते तो हिंसा नहीं होती."
ये भी पढ़ें: