UP Election 2022: जाट समाज के करीब 250 नेताओं के साथ अमित शाह की बैठक, जानें क्या है 'जाटलैंड' का गणित?
UP Election 2022: दिल्ली में बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर अमित शाह ने पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं के साथ बैठक की. इसे सामाजिक भाईचारा बैठक नाम दिया गया है.
Amit Shah Meets Jat Leaders: यूपी में जाटलैंड की सियासी जंग शुरू होने से ठीक पहले गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह जाटों को एकजुट करने के मिशन में लग गए हैं. दिल्ली में बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर गृह मंत्री अमित शाह ने जाट समुदाय के ढाई सौ से ज़्यादा नेताओं को मुलाक़ात के लिए बुलाया. सामाजिक भाईचारा बैठक में पश्चिमी यूपी के अलग-अलग ज़िलों के नेता जुटे. बीजेपी का दावा है कि जाट समुदाय हमेशा की तरह इस बार भी बीजेपी के साथ खड़ा है.
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि हमारा समाज हमेशा से ही बीजेपी के साथ रहा है. 2014, 2017 और 2019 में बात को साबित कर चुके हैं और समय-समय पर ऐसे संवाद की जरूरत पड़ती है, हमारा समाज कभी भी अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहता और समाज इस बात को समझ चुका है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई भी अखिलेश यादव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
वहीं प्रवेश वर्मा ने कहा कि हमारे घर में आज जाट देवता आए हैं हम उनका स्वागत कर रहे हैं. चुनाव ही मुद्दा है. सभी पक्षों पर बात होगी. किसान आंदोलन की बात अब ख़त्म हो चुकी है पर हम किसानों के बीच तो हैं ही.
पश्चिमी यूपी में जाट क़रीब 17 प्रतिशत हैं. 45 से 50 सीट ऐसी हैं जहां जाट वोटर ही जीत-हार तय करते हैं लेकिन करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन की वजह से कहा जा रहा है कि जाट कहीं इस बार बीजेपी से दूर न हो जाएं. पिछले चुनावों में बीजेपी ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था.
मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद वेस्ट यूपी के जाट वोटर लगातार तीन चुनावों में खुलकर बीजेपी का साथ दे चुके हैं. CSDS के सर्वे के मुताबिक़ 2019 के लोकसभा चुनावों में 91 प्रतिशत जाट मतदाताओं ने बीजेपी को वोट दिया और जाटों के वोट की बदौलत लगातार दो चुनावों में राष्ट्रीय लोकदल के नेता दिवंगत अजित सिंह और उनके बेटे जयंत सिंह बीजेपी से चुनाव हार गए.
इस बार जयंत सिंह ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है. दोनों नेता साझा रैली भी कर चुके हैं.
विधानसभा सीट 136
जिले- 26
BJP- 109
SP- 21
BSP- 3
CONG- 2
RLD- 1
यूपी में बीजेपी के साथ कितने जाट?
(सीएसडीएस का सर्वे)
2014 लोकसभा 77%
2017 विधानसभा 39%
2019 लोकसभा 91%
इस बार बीजेपी की ओर से 'पलायन' जैसे मुद्दों को उठाया जा रहा है. अमित शाह ने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर इन मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की. शाह बृहस्पतिवार को मथुरा और गौतमबुद्धनगर नगर में घर-घर प्रचार अभियान करेंगे. इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बागपत और गाजियाबाद में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान थामेंगे.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर चुके बीकेयू के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान किसी के साथ नहीं है. किसान अलग-अलग विचार प्रक्रियाओं पर अलग-अलग चल रहे हैं. वह हर जगह जा रहा है. वह जहां जाना चाहता है. वह यह नहीं कहेगा कि वह कहां जा रहा है. आधी कीमत पर अपनी फसल बेचने के बाद वे कहां वोट करेंगे? वे यह जानते हैं. उन्हें जहां भी वोट करना होगा, वे वोट करेंगे.
दिल्ली में बीजेपी की बैठक के बीच समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर किसानों से वायदे किए. किसानों के परिवार के साथ अखिलेश यादव की तस्वीर ट्वीट कर समाजवादी पार्टी ने लिखा किसानों का सम्मान, समाजवादियों की पहचान.
किसानों का सम्मान, समाजवादियों की पहचान। pic.twitter.com/aBmw2BPMHc
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 26, 2022
सपा ने कहा, ''सरकार बनने पर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद और उनके सम्मान में किसान स्मारक बनाया जाएगा.''
कब है चुनाव?
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं. दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं. पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा.