पहले यूपी, अब एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान, क्या है दो डिप्टी सीएम वाला बीजेपी का फॉर्मूला
भारतीय जनता पार्टी ने तीनों राज्यों में ब्राह्मण, ओबीसी, आदिवासी और अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री और दो-दो डिप्टी सीएम बनाकर जातीय समीकरण बैलेंस किया है. वहीं, राजस्थान में राजघराने का भी ख्याल रखा.
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) बंपर जीत के बाद सरकार बनाने जा रही है. तीनों राज्यों के लिए मुख्यमंत्रियों के नाम का ऐलान भी कर दिया गया है. मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव बुधवार को शपथ ले चुके हैं, जबकि शाम को छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण समारोह होगा. विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के नए सीएम के रूप में ताजपोशी की जाएगी.
मुख्यमंत्रियों के नाम की घोषणा के साथ तीनों राज्यों के डिप्टी सीएम के नाम का भी ऐलान कर दिया गया है. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ के लिए भी दो-दो डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को यूपी के डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी थी. हालांकि, 2022 में जब सत्ता में बीजेपी ने फिर से सरकार बनाई तो केशव प्रसाद मौर्य का पद तो बरकरार रहा, लेकिन दिनेश शर्मा को हटाकर ब्रजेश पाठक को दूसरा डिप्टी सीएम बनाया गया. आइए अब जानते हैं, राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में कौन होंगे नए डिप्टी सीएम और उनका बैकग्राउंड क्या है-
तीनों राज्यों के नए डिप्टी सीएम कौन होंगे
मध्य प्रदेश में राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा डिप्टी सीएम आज डिप्टी सीएम की शपथ ले चुके हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ में विजय शर्मा और अरुण साव की डिप्टी सीएम के तौर पर ताजपोशी तय हो गई है. इसके अलावा, राजस्थान में बीजेपी ने दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है.
कौन सी जाति से आते हैं नए डिप्टी सीएम
बीजेपी ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के लिए ऐसे लोगों को चुना है, जिनसे वह वहां सभी जातियों को साध सके और कोई खफा न हो. मध्य प्रदेश में आदिवासी और ओबीसी आबादी ज्यादा है, जिनकी चुनाव में अहम भूमिका रहती है. पार्टी ने सभी वोटर्स को खुश करने के लिए आदिवासी और ओबीसी के साथ सामान्य वर्ग को भी तवज्जो दी है. जैसे मध्य प्रदेश में सीएम के लिए आदिवासी चेहरे मोहन यादव को चुना तो ब्राह्मण जाति के राजेंद्र शुक्ला और दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जगदीश देवड़ा का नाम डिप्टी सीएम के लिए तय कर दिया.
छत्तीसगढ़ की बात करें तो विष्णु देव साय के रूप में आदिवासी नेता के नाम का मुख्यमंत्री के लिए ऐलान कर दिया. साथ ही ओबीसी और सामान्य वर्ग को ध्यान में रखते हुए अरुण साव और विजय शर्मा की डिप्टी सीएम के लिए ताजपोशी तय कर दी. विजय शर्मा सामान्य और अरुण साव ओबीसी समुदाय से हैं. तीसरे राज्य की बात करें तो राजस्थान की राजनीति में यहां की रियासतों का अहम रोल रहा है. सीएम पद के लिए भी राजघराने से ताल्लुक रखने वाली दीया कुमारी के नाम की चर्चा थी. हालांकि, पार्टी ने डिप्टी सीएम के लिए उनका नाम तय किया है, जबकि दूसरे डिप्टी सीएम के लिए अनुसूचित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रेमचंद बैरवा के नाम की घोषणा की है. वहीं, ब्राह्मण जाति के भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करके जातीय समीकरण बैलेंस किया है.
बीजेपी के 1+2 फॉर्मूला के क्या मायने?
इस बार पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कई बड़े चेहरों को मैदान में उतारा था. केंद्रीय मंत्रियों समेत 21 सांसद मैदान में थे, इनमें से 12 को जीत मिली और 9 हार गए. इनके अलावा, राज्यों के कद्दावर नेता भी लाइन में थे. ऐसे में पार्टी के लिए स्थिति काफी मुश्किल हो गई कि किसको मुख्यमंत्री बनाए क्योंकि किसी एक को चुनेगी तो बाकी का नाराज होना लाजमी है. ऐसे में पार्टी ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के साथ 2-2 डिप्टी सीएम बना दिया. इस तरह नाराज नेताओं की लिस्ट भी छोटी हो गई. अपने इस दांव से पार्टी ने जातीय समीकरण को भी बैलेंस कर लिया. सीएम और दो डिप्टी सीएम पर अलग-अलग जाति चेहरों को जिम्मेदारी देकर सभी जातियों को खुश कर दिया.
क्यों बनाए दो-दो डिप्टी सीएम
तीनों राज्यों में क्यों दो-दो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं, इस पर पार्टी का कहना है कि पार्टी का संकल्प है कि वह दबे और कमजोर लोगों को आगे बढ़ाएं. एबीपी लाइव से बातचीत में उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने बताया, 'बीजेपी का संकल्प है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास. पार्टी जिन कार्यकर्ताओं को अहम दायित्व देती है, उनका संगठन में योगदान, उनका सामाजिक क्षेत्र में कद और कितना सबको साथ लेकर चलने की उनकी क्षमता है और विभिन्न कारणों को देखकर की सभी जातियां समूह के लोगों को सत्ता में भागीदारी मिले. पिछड़े, दबे और कमजोर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी समृद्धि के लिए काम करने का पार्टी का संकल्प है.'
उन्होंने आगे कहा कि संगठन, कार्यकर्ता और जनता जनार्दन. जनता जनार्दन के लिए पूरी प्रतिबद्धिता और निष्ठा के साथ जो काम कर सकता है उसको पार्टी का नेतृत्व जिम्मेदारी देता है ताकि प्रदेश का विकास हो और जनता की समृद्धि साकार हो. सरकार की जो योजनाएं हैं, जनता के भरोसे के लिए जो संकल्प पत्र चुनाव के दौरान दिया है, उसको पूरा करने का दायित्व पार्टी ने दिया है.