नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के बाद चुनाव आयोग के फैसलों पर विपक्षी पार्टियों ने कड़ी आपत्ति जताई है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने पूछा है कि चुनाव प्रचार तय सीमा से पहले खत्म करना था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली खत्म होने तक का इंतजार क्यों किया गया?


मंगलवार को कोलकाता में अमित शाह की रैली में हिंसा और समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद तनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने तय समय से पहले ही प्रचार पर रोक लगाने की घोषणा की है. बंगाल में सातवें चरण में 19 मई को 9 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पहले से तय नियम के मुताबिक प्रचार 17 मई की शाम को खत्म होना था. लेकिन चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक प्रचार आज रात (16 मई) 10 बजे तक ही किया जा सकता है.


उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, ''देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो.'' चुनाव आयोग के इसी फैसले पर टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है.


इन नेताओं का कहना है कि अगर पश्चिम बंगाल में स्थिति खराब थी और चुनाव आयोग को प्रचार पर रोक लगाना ही था तो गुरुवार (आज) तक का इंतजार क्यों किया गया, चुनाव आयोग ने मंगलवार को ही क्यों नहीं प्रचार पर रोक लगाया. क्या सिर्फ इसलिए इंतजार किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल में आज शाम करीब 8 बजे तक रहेंगे. वे मथुरापुर और और दमदम में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी ने बुधवार को भी चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया.


ममता बनर्जी का आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की ऐसी कोई समस्या नहीं है कि अनुच्छेद 324 लागू किया जाए. यह अभूतपूर्व, असंवैधानिक और अनैतिक है. यह दरसअल मोदी और अमित शाह को उपहार है.’’ उन्होंने कहा, ''पहले कभी इस तरह का चुनाव आयोग नहीं देखा जो ‘आरएसएस के लोगों से भरा पड़ा’ है.''


ममता को मिला मायावती का साथ


बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ममता बनर्जी को समर्थन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष मायावती और चुनाव आयोग पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''यह साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और अन्य नेता ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं. यह प्लान के तहत किया जा रहा है. यह खतरनाक है.''

मायावती ने आगे कहा, ''चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में प्रचार पर रोक लगाया, लेकिन आज रात 10 बजे से. क्योंकि प्रधानमंत्री की दिन में दो रैलियां हैं. अगर उन्हें प्रतिबंध लगाना था तो आज सुबह से क्यों नहीं लगाया गया? यह अनुचित है और चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है.''

सीताराम येचुरी ने भी उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के धुर विरोधी माने जाने सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि हिंसा के लिये जिम्मेदार बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आयोग ने कोई कार्रवाई करने के बजाय प्रचार पर रोक लगा दी. आयोग का यह फैसला समझ से परे है.


उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रचार को 72 घंटे पहले ही प्रतिबंधित करना था तो प्रतिबंध का समय कल (बृहस्पतिवार) सुबह दस बजे तय क्यों नहीं किया गया? क्या यह प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों को आयोजित करने की छूट देने के लिये किया गया है?’’





कांग्रेस भड़की
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ''अगर बंगाल में स्थिति इतनी ही खराब है तो चुनाव प्रचार तुरंत रोक देना चाहिए. आखिर चुनाव आयोग कल तक का इंतजार क्यों कर रहा है. क्या ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कल प्रधानमंत्री की रैलियां होनी हैं?''