छठी राज्यसभा सीट या विदर्भ का किला? पर्दे के पीछे BJP संग डील का ये रहा प्लान! पूर्व CM ने इन तीन वजहों से छोड़ी कांग्रेस
Why Ashok Chavan Resigns: अशोक चव्हाण ने अभी चुप्पी साधी हुई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि ये चुप्पी ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी. हालांकि पूर्व सीएम कह रहे हैं कि अभी किसी पार्टी से कोई बात नहीं हुई है.
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Ashok Chavan Resigns: जहां इंडिया गठबंधन (India Alliance) को मजबूत बनाने की पटकथा लिखी गई, वहां-वहां एक-एक ईंट दरकती दिख रही है. बिहार में नीतीश (Nitish Kumar), यूपी में जयंत (Jayant Chaudhary) और अब महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता अशोक चव्हाण (Ashok Chavan Resigns) ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया. इस्तीफा देते वक्त अशोक चव्हाण ने कहा, मैंने इस्तीफा दे दिया है, अभी कोई भी पार्टी में शामिल होने का फैसला नहीं लिया है.
अशोक चव्हाण का इस्तीफा महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. उनके बीजेपी में जाने की चर्चा है. हालांकि चव्हाण इस पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन घटनाक्रम बता रहा है कि ये चुप्पी ज्यादा दिन नहीं रहेगी. अशोक चव्हाण महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकारों में बड़े मंत्री पद सम्भाल चुके है और दो साल मुख्यमंत्री भी रहे. अशोक चव्हाण के पिता शंकर राव चव्हाण भी महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री रहे है. महाराष्ट्र में इकलौते पिता पुत्र की जोड़ी है, जो सीएम रह चुके है. कल तक INDIA गठबंधन की बैठक में कांग्रेस के लिए ज़्यादा से ज्यादा सीट मांगने वाले अशोक चव्हाण न अब अपना नाता पार्टी से तोड़ लिया. हालांकि कांग्रेस कह रही है, किसी के जाने से फर्क नहीं पड़ता है.
अशोक चव्हाण ने क्यों दिया इस्तीफा?
पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने ये भी कहा है कि कोई मजबूरी की वजह से इस्तीफा नहीं दिया है. कई पार्टी के इशू थे, जिस वजह से इस्तीफा देना पड़ा है. कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा है, "किसी के आने जाने से पार्टी का कोई नुकसान नहीं होता है. पार्टी में लोग आते जाते रहते हैं." अशोक चव्हाण का कांग्रेस से इस्तीफ़ा भले चौकाने वाला हो, लेकिन इसकी अटकलें करीब एक साल से लग रही थीं, क्योंकि लंबे समय से अशोक चव्हाण कांग्रेस लीडरशिप से नाखुश थे. इसकी कई वजहें थीं.
- पहली वजह ये कि अशोक चव्हाण महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष पद नाना पटोले को दिया गया. पिछले कुछ महीने में नाना पटोले और अशोक चव्हाण के बीच तल्खी काफी बढ़ गई थी.
- दूसरी वजह- उद्धव ठाकरे के इस्तीफे और महाविकास अगाड़ी सरकार गिरने के बाद अशोक चव्हाण अपने लिए बेहतर रोल चाहते थे, लेकिन पहले शिवसेना और बाद में एनसीपी में दो गुटों में फुट के बाद अशोक चव्हाण को महाविकास अगाड़ी का महाराष्ट्र में भविष्य नहीं दिखाई दे रहा था.
- तीसरी वजह- अशोक चव्हाण महाराष्ट्र में लोकसभा सीट बंटवारे से भी खुश नहीं थे. राज्य की 48 सीटों में शिवसेना अधिक सीट पर लड़े और राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस कम सीट पर इससे भी अशोक चव्हाण खुश नहीं थे.
क्या केंद्रीय राजनीति का है प्लान?
अशोक चव्हाण चाहते तो काफी पहले बीजेपी में आते और शिंदे मंत्रिमंडल में मंत्री पद ले सकते थे, लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी के नेता अशोक चव्हाण को मंत्रिमंडल में लेने से खुश नहीं थे. महाराष्ट्र बीजेपी नेता चाहते थे कि अशोक चव्हाण बीजेपी में तो आए पर केंद्र की राजनीति करें, लेकिन आज नहीं तो कल चव्हाण बीजेपी में शामिल हो जाएंगे क्योंकि डील हो चुकी है. पिछले साल ही अशोक चव्हाण और देवेंद्र फडनवीस के बीच कई मीटिंग भी हुई हैं. अशोक चव्हाण को बीजेपी में शामिल करने पर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी हरी झंडी दे चुका है. बीजेपी के कई बड़े नेता सार्वजनिक मंच से कह चुके है कि अशोक चव्हाण के लिए दरवाजे खुले हुए हैं.
चव्हाण के इस्तीफे पर क्या कह रही है बीजेपी
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने साफ कर दिया है, बीजेपी में कोई आना चाहता है तो उसका स्वागत है. पता चला है कि अशोक चव्हाण अकेले बीजेपी में नहीं आएंगे. उनके साथ 12-14 विधायक भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जुड़ेंगे, लेकिन ये राज्यसभा चुनाव के बाद हो सकता है. दरअसल महाराष्ट्र की 6 राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव होने है. संख्याबल के आधार पर बीजेपी तीन , शिवसेना एकनाथ शिंदे 1 , एनसीपी अजीत पवार 1 राज्यसभा सीट पर जीत सकते है, लेकिन बीजेपी की नजर छठी सीट पर भी है. बीजेपी को उम्मीद है कि अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो छठी सीट भी जीती जा सकती है...
क्या छठी राज्यसभा सीट पर है बीजेपी की नजर?
राज्यसभा की इस छठी सीट के लिए अशोक चव्हाण समर्थक MLA की अहम भूमिका होगी. अशोक चव्हाण के समर्थक विधायक अभी बीजेपी से नहीं जुड़ेंगे. सही मौके पर इसका एलान हो सकता है. हालांकि इसकी चर्चा है कि महाविकास अगाड़ी राज्यसभा के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की मैदान में उतार सकती है.
विदर्भ के किले का इक्का बनेंगे चव्हाण
सवाल ये भी है कि बीजेपी की नजर अशोक चव्हाण पर ही क्यों है. इसका साफ और सीधा जवाब है. शिवसेना टूट चुकी है. एनसीपी भी टूट चुकी है. शरद पवार की उम्र बढ़ रही है और पकड़ कमजोर हो रही है. ऐसे में अशोक चव्हाण के आने से बीजेपी को एक बड़ा मराठा चेहरा मिलेगा और विदर्भ में जनाधार मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने महाराष्ट्र की 48 सीटों का जो सर्वे कराया है. उसमें विदर्भ की 6 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को चुनौती मिलने की बात कही है. ऐसे में अशोक चव्हाण बीजेपी के साथ आते हैं तो बजेपी विदर्भ को आसानी से जीत सकती है.
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