5 Years Of Dear Zindegi: 'रिस्क लेने का कोई सेंस नहीं होता बस लेना पड़ता है' जब Alia Bhatt को SRK ने दी थी सलाह
5 Years Of Dear Zindagi: 25 नवंबर 2016...शाहरुख खान की वाइफ गौरी खान, करण जौहर और गौरी शिंदे ने मिलकर एक फिल्म बनाई थी. फिल्म ब्लॉकबस्टर तो नहीं थी लेकिन इसने ऑडिएंस को जिंदगी जीने का तरीका बताया था.
5 Years Of Dear Zindegi: 25 नवंबर 2016...ठीक 5 साल पहले शाहरुख खान की वाइफ गौरी खान, करण जौहर और गौरी शिंदे ने मिलकर एक फिल्म बनाई थी. फिल्म ब्लॉकबस्टर तो नहीं थी लेकिन इसने ऑडिएंस को जिंदगी जीने का तरीका बताया था. फिल्म का नाम था 'Dear Zindegi'(डियर जिंदगी). फिल्म में शाहरुख खान के साथ आलिया भट्ट पहली बार काम कर रही थीं, काफी एक्साइटेड थी. फिल्म की कहानी सिंपल स्वीट और पॉजिटिव थी. लेकिन क्या ये सक्सेसफुल होता, क्या ये रिस्क लेना आलिया के लिए सही था? बिल्कुल सही था क्योंकि इसी फिल्म के वक्त शाहरुख खान ने एक्ट्रेस को एक ऐसी चीज सिखाई जो आज तक एक्ट्रेस के साथ है.
एक इंटरव्यू में आलिया भट्ट ने कहा था, ''जिंदगी में रिस्क लेना बहुत जरुरी है. एक आर्टिस्ट के तौर पर आप जब तक कोई काम करते नहीं, तब तक आपको पता नहीं चल पाता कि आप किस काबिल हैं. रिस्क लेने का कोई सेंस नहीं होता बस लेना पड़ता है. आलिया ने बताया था उनको ये सलाह शाहरुख खान ने दी थी कि रिस्क लो और कभी कभी बेकार भी बनो. स्टूपिड काम करो ये सोचकर कि वो क्या पता अच्छा हो जाए.'
डियर जिंदगी, इसमें कोई शक नहीं है कि ये फिल्म आज भी किसी डिप्रेस्ड इंसान को हौसला दे सकता है. इस फिल्म में शाहरुख खान थेरेपिस्ट थे, लेकिन यकीन मानिए शाहरुख ने ये रोल ऐसे निभाया जैसे वो वाकई कोई थिरेपिस्ट थे. आलिया भट्ट ने इस फिल्म में एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया था जिसके बहुत सारे सपने है, लेकिन अपने परिवार और लव लाइफ में उलझी होती हैं, लेकिन इसी फिल्म में दिखाया जाता है कि हर किसी की जिंदगी में जो कुछ भी चल रहा है वो उसके पास्ट से जरूर जुड़ा होता है और आप उससे भाग नहीं सकते. आलिया ने इस किरदार को बेहद ही शानदार तरीके से निभाया था. वही फिल्म में बाकी किरदार जैसे अली जफर, आदित्य रॉय कपूर, अंगद बेदी, कुणाल कपूर और इरा दुबे भी अपने किरदार को एक्प्रेस करने में कामयाब हुए थे.
धर्मा प्रोडक्शन्स, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, होप प्रोडक्शन्स की इस फिल्म को ना सिर्फ गौरी शिंदे ने डायरेक्ट किया था बल्कि इसे लिखा भी था. फिल्म में डायलॉग्स कमाल के थे और अमित त्रिवेदी का म्यूजिक भी दिल को छू लेने वाला था. शायद यही वजह है कि इस फिल्म को बार बार देखना भी बोरिंग नहीं लगता.