मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर बॉलीवुड सुपर स्टार आमिर खान का आज जन्म दिन है. आमिर खान बॉलीवुड के उन चंद एक्टरों में शुमार हैं जो सिर्फ अपनी ही शर्तों पर काम करते हैं. यही वजह है कि साल में वे सिर्फ एक ही फिल्म करते हैं. इन दिनों आमिर अपनी अपकमिंग मूवी 'लाल सिंह चढ्ढा' को लेकर सुर्खियों में हैं. जो इसी साल क्रिसमस पर रिलीज हो रही है. आमिर का आज जन्म दिन है. आइए जानते हैं आमिर खान के जीवन से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें-
1- आमिर खान फिल्मों में हीरो बनने से पहले निर्देशन के क्षेत्र में सक्रिय थे. आमिर ने अपने चाचा नासिर हुसैन के साथ पूरे तीन साल तक डायरेक्शन की बारिकियां सीखीं. उनके साथ बतौर अस्टिेंट डायरेक्टर आमिर खान ने दो फिल्में भी की.
2- आमिर खान पहले ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने मैडम तुसाद म्यूजियम में अपना मोम का पुतला लगाने के लिए मना कर दिया था.
3- आमिर जब भी कोई नई फिल्म पर काम करते हैं तो उनके करीबी मित्र या रिश्तेदार उनके टोकते जरूर हैं. क्योंकि आमिर हर बार कोई सब्जेक्ट लेकर आते हैं जिसके चलने की संभावना बहुत ही कम होती है. लेकिन आमिर खान अपनी मेहनत और लगन से हर बार इन लोगों को गलत साबित कर देते हैं.
4- आमिर ने फिल्म 'कयामत से कयामत' तक से डेब्यू किया था. ये फिल्म 1988 में रिलीज हुई थी. जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया था. इस फिल्म का प्रचार करने के लिए खुद आमिर खान अपने हाथों से पोस्टर चिपकाए थे.
5- आमिर खान एक बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी हैं, वे राज्य स्तर के कॉम्पीटशन में भी हिस्सा ले चुके हैं.
6- आमिर खान चाइल्ड एक्टर के तौर पर भी काम कर चुके हैं. अपने निर्देशक चाचा नासिर हुसैन की फिल्म 'यादों की बारात' में उन्होने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी. यह फिल्म 1973 में रिलीज हुई थी.
7- डेब्यू करने से पहले आमिर ने 1984 एक ओर फिल्म में छोटा सा रोल किया था. इस फिल्म का नाम 'होली' था जिसका निर्माण डायरेक्टर केतन मेहता ने किया था.
8- वर्ष 2013 में टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था.
9- भांजे इमरान खान को लांच करने के लिए आमिर ने फिल्म 'जाने तू...या जाने न' के निर्माता बने. यह फिल्म दर्शकों ने खूब पसंद की थी.
10- आमिर खान अपनी फिल्मों में मनोरंजन के साथ समाज को संदेश देने की भी कोशिश करते हैं. 'लगान', 'रंग दे बसंती', 'तारे जमीन पर' और '3 ईडियट्स' उनकी कुछ ऐसी ही फिल्में हैं. उन्हें 2003 में पद्मश्री और 2010 में पद्म भूषण से भी नवाज़ा जा चुका है.